फसल की खेती (Crop Cultivation)

नवीनतम फसल की खेती (Crop Cultivation) की जानकारी और कृषि पद्धतियों में नवाचार, बुआई का समय, बीज उपचार, खरपतवार नियन्तारन, रोग नियन्तारन, कीटो और संक्रमण से सुरक्षा, बीमरियो का नियन्तारन। गेहू, चना, मूंग, सोयाबीन, धान, मक्का, आलू, कपास, जीरा, अनार, केला, प्याज़, टमाटर की फसल की खेती (Crop Cultivation) की जानकारी और नई किस्मे। गेहू, चना, मूंग, सोयाबीन, धान, मक्का, आलू, कपास, जीरा, अनार, केला, प्याज़, टमाटर की फसल में कीट नियंतरण एवं रोग नियंतरण। सोयाबीन में बीज उपचार कैसे करे, गेहूँ मैं बीज उपचार कैसे करे, धान मैं बीज उपचार कैसे करे, प्याज मैं बीज उपचार कैसे करे, बीज उपचार का सही तरीका। मशरुम की खेती, जिमीकंद की खेती, प्याज़ की उपज कैसे बढ़ाए, औषदि फसलों की खेती, जुकिनी की खेती, ड्रैगन फ्रूट की खेती, बैंगन की खेती, भिंडी की खेती, टमाटर की खेती, गर्मी में मूंग की खेती, आम की खेती, नीबू की खेती, अमरुद की खेती, पूसा अरहर 16 अरहर क़िस्म, स्ट्रॉबेरी की खेती, पपीते की खेती, मटर की खेती, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स, लहसुन की खेती। मूंग के प्रमुख कीट एवं रोकथाम, सरसों की स्टार 10-15 किस्म स्टार एग्रीसीड्स, अफीम की खेती, अफीम का पत्ता कैसे मिलता है?

फसल की खेती (Crop Cultivation)

पतंजलि जैविक क्रांति

17 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि जैविक क्रांति – पतंजलि जैविक क्रांति सर्वोत्तम हरफनमौला जैव उत्पाद है जो पौधों की संतुलित वृद्धि सुनिश्चित करता है और उन्हें बीमारियों से बचाता है। यह एक क्रांतिकारी उत्पाद है जिसे पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

मेरे ड्रैगन फ्रूट का आकार एक समान नहीं है, मुझे क्या करना चाहिए?

17 अप्रैल 2024, भोपाल: मेरे ड्रैगन फ्रूट का आकार एक समान नहीं है, मुझे क्या करना चाहिए? – यह सभी प्रकार के ड्रैगन फलों के बगीचों में फलने के मौसम की शुरुआत से लेकर अंत तक एक आम समस्या है।

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

मेरे ड्रैगन फ्रूट का आकार और उपज कम हो गई है, मुझे क्या करना चाहिए?

17 अप्रैल 2024, भोपाल: मेरे ड्रैगन फ्रूट का आकार और उपज कम हो गई है, मुझे क्या करना चाहिए? – यह एक सामान्य समस्या है जिसका अनुभव कई किसान ज्यादातर पुराने बगीचों में (5-6 साल के बाद) दो साल में

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

पतंजलि धरती का चौकीदार

17 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि धरती का चौकीदार – पतंजलि धरती का चौकीदार लगातार उस मिट्टी की शुद्धता को बढ़ाता है जो कीटनाशकों और रसायन आधारित उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के कारण जहरीली हो गई है। यह मिट्टी को उपजाऊ

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

पतंजलि जैविक पोषक

17 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि जैविक पोषक – पतंजलि जैविक पोषक एक माइकोराइजा-आधारित दानेदार जैवउर्वरक है जिसमें एक सूक्ष्म लेकिन बहुत शक्तिशाली पोषक तत्व नैनो यौगिक मिश्रण तैयार किया गया है। इसका मिश्रण ह्यूमिक एसिड, अमीनो एसिड, समुद्री घास, प्राकृतिक

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

पतंजलि जैविक सुभूमि

17 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि जैविक सुभूमि – पतंजलि जैविक सुभूमि जैविक एवं पोषक तत्वों के मिश्रण से बना एक महत्वपूर्ण उर्वरक है। यह ह्यूमिक एसिड, समुद्री घास और पौधों के विकास के कारकों और प्राकृतिक पोषक तत्वों का एक

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

पतंजलि जैविक प्रोम

17 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि जैविक प्रोम – पतंजलि जैविक प्रोम जैव-खेती के लिए पोषक तत्वों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें फास्फोरस 10.42% से 12% तक होता है। यह उत्पाद जैव अवशेष, रॉक फॉस्फेट, खल्ली, अमीनो एसिड, पौधों के

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

पतंजलि जैविक खाद

17 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि जैविक खाद – पतंजलि जैविक खाद एक जैविक खाद है जो औषधीय पौधों के अवशेषों, फूलों, सब्जियों और मवेशियों के गोबर से खाद तैयार करने की विधि का उपयोग करके बनाई जाती है और खाद

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

क्या मूंग की बुआई जून के महीने में की जा सकती है ?

17 अप्रैल 2024, भोपाल: क्या मूंग की बुआई जून के महीने में की जा सकती है ? – खरीफ मूंग की बुआई का उपयुक्त समय जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई का प्रथम सप्ताह है एवं ग्रीष्मकालीन फसल को 15

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
फसल की खेती (Crop Cultivation)

ड्रैगन फ्रूट की कितनी पैदावार होती है और इसकी बाजार मैं क्या कीमत मिल सकती है

17 अप्रैल 2024, भोपाल: ड्रैगन फ्रूट की कितनी पैदावार होती है और इसकी बाजार मैं क्या कीमत मिल सकती है – ड्रैगन फ्रूट की पहली फसल से 400 से 500 किलो का उत्पादन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्राप्त हो

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें