पशुपालक ध्यान दें, माँग के अभाव में दूध न फेंके
इन दिनों समाचार मिल रहे हैं कि कोरोना महामारी के चलते दूध की खपत शहरों में कम हो गई है । गौपालक दूध विक्रेता दूध को माँग के अभाव में फेंक रहे हैं । यह दुखद स्थिति है । डॉ.
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपशुपालन (Animal Husbandry), मुर्गीपालन, मत्स्य पालन और मवेशी पालन से संबंधित समाचार और जानकारी। नवीनतम नीतियां, रुझान, प्रौद्योगिकी और किसान प्रथाएं। पशुओं का रखाव और पशुपालन (Animal Husbandry), पशुओं का टीकाकरण, इलाज, पशुओं को गर्मी से कैसे बचाए, पशुओं का दूध उत्पादन के लिए आहार। गए और बैलो का रखाव, गए और बैलो का का टीकाकरण, इलाज, गए और बैलो को गर्मी से कैसे बचाए, गए का दूध उत्पादन के लिए आहार। गए और बैलो (पशुओं ) को पैर और मुंह की बीमारी से कैसे बचाए। बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, गधा पालन, गए पालन, धान के खेत मैं मछली पालन, पिंजरे मैं मछली पालन, घरेलू पशुओं मे टीकाकरण, पशुओं को ठंड से बचाव के लिए सलाह। गए और बैलो (पशुओं ) के लिए चारा, हरा चारा, गीला चारा, बरसीम। पशुओं का दूध और उसकी गुणवत्ता कैसे बढ़ाएं? दूध उत्पादन के लिये सुझाव, जानिए खिलारी गाय की विशेषतांए, उत्पत्ति व उपयोग, गाए की देसी नस्ले। होलस्टीन फ्राइज़ियन की जानकारी, दूध उत्पादन, चारे की ज़रूरत। गीर, रेड सिंघी, साहीवाल, हल्लीकर, अमृतमहल, खिल्लारी, कंगायम, बरगुर, पुलिकुलम, आलमबदी, थारपारकर, हरिआना, कांकरेज, ओंगोले, कृष्णा वैली, दीयोनि, जर्सी, होलेस्टियन फ़्रेसिअन, ब्राउन स्विस, रेड डेन, आयरशायर, जर्सी क्रॉस, मुर्राह, सुरति, जाफराबादी, भदावरी, नीली रवि, मेहसाना, नागपुरी, तोडा एवं अन्य गाए, भैंस और पशुओं की नस्ल के बारे मैं जानकारी।
इन दिनों समाचार मिल रहे हैं कि कोरोना महामारी के चलते दूध की खपत शहरों में कम हो गई है । गौपालक दूध विक्रेता दूध को माँग के अभाव में फेंक रहे हैं । यह दुखद स्थिति है । डॉ.
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंमहू। गत दिवस पशु-चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में ‘पशुधन के स्वास्थ्य व उत्पादकता की प्रौन्नति हेतु वैज्ञानिक कार्यनीतियां’ विषय पर आधारित तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन एवं संगोष्ठी का शुभारंभ डॉ. वल्लभ भाई कथिरिया, अध्यक्ष राष्ट्रीय कामधेनु आयोग भारत सरकार के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपंगास मछली मीठे पानी में पाली जाने वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्रजाति है। यह प्रजाति 6-8 माह में 1.0 – 1.5 किग्रा की हो जाती है तथा वायुश्वासी होने के कारण कम घुलित आक्सीजन को सहन करने की
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंडेयरी उद्यमिता विकास योजना योजना का उद्देश्य स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मो की स्थापना को बढ़ावा देना। बछिया – बछड़ा पालन को प्रोत्साहित करना जिससे अच्छे प्रजनन स्टाक का संरक्षण किया जा सके असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसाहीवाल नस्ल की गाय पाकिस्तान में साहिवाल जिले से उत्पन्न मानी जाती है। आज साहीवाल भारत और पाकिस्तान में सबसे अच्छा डेयरी नस्लों में से एक है। साहीवाल गाय शारीरिक विशेषताएं: गहरा शरीर, ढीली चमड़ी, छोटा सिर व छोटे सींग
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंखण्डवा। कृषि विज्ञान केन्द्र, खण्डवा में कौशल विकास कार्यक्रम अंतर्गत जिले के सभी ब्लॉक स्तरों से आये बेरोजगार युवाओं और किसानों को आर्थिक समृद्धि के द्वार खोलने के उद्देश्य से 42 दिवसीय ”लघु मुर्गी पालक” प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ जिसका उद्घाटन
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंटीकमगढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र, टीकमगढ़, में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन जौ का डॉ. बी.एस. किरार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. यू.एस. धाकड़, डॉ. आर.के. प्रजापति, डॉ. एस.के. खरे, वैज्ञानिकों द्वारा विगत दिवस गांव कुण्डेश्वर एवं जमडार में विक्रम सिंह यादव, सुख
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंहाल ही में संपूर्ण आहार पद्धति उपयोग में लायी जा रही है जिसमें फैक्ट्रियों से निकलने वाले अवशेष का उचित उपचार करके पशुओं को खिलाया जा सकता है। इस संपूर्ण आहार पद्धति का मूल सिद्धांत यह है कि पशुओं को
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंजयपुर में पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन जयपुर। राजस्थान पशुुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा ‘कृषि अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता बढ़ाने हेतु उच्च गुणवत्ता वाले पशु उत्पादों को प्राप्त करने के लिए पशुधन प्रबंधन के प्रतिमानों में बदलाव’
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंअगर आपके पालतू पशु लंगड़ा के या चलने में तकलीफ हो रही हैए तो वह खुरपका-मुंहपका या ब्रूसेल्ला से ग्रसित हो सकता है। इन रोगों का कोई उपचार नहीं, सिर्फ उन्हें टीकाकरण से बचाया जा सकता है। पशुओं में खुरपका,
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें