ट्रैक्टर बाजार की पूरी रिपोर्ट: महिंद्रा और सोनालिका की बढ़त, कौन रहा सबसे आगे?
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का ट्रैक्टर बाजार रहा हल्की गिरावट के साथ स्थिर, अगले वर्ष में सुधार की उम्मीद
01 मई 2025, नई दिल्ली: ट्रैक्टर बाजार की पूरी रिपोर्ट: महिंद्रा और सोनालिका की बढ़त, कौन रहा सबसे आगे? – भारतीय ट्रैक्टर उद्योग, जो देश की कृषि व्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, ने वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के दौरान कुल बिक्री में 1% की मामूली गिरावट दर्ज की है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष में कुल 8,83,095 ट्रैक्टर इकाइयाँ बिकीं, जबकि पिछले वर्ष 8,92,410 इकाइयाँ बिकी थीं। हालांकि कुल बिक्री में मामूली गिरावट देखने को मिली, लेकिन महिंद्रा एंड महिंद्रा (सहित स्वराज डिवीजन) और इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड (सोनालिका) जैसी कंपनियों ने स्थिर और मजबूत प्रदर्शन कर बाजार में भरोसे को बनाए रखा है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा बना रहा बाजार का बादशाह
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, जो भारत का सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता है, ने अपनी मजबूत स्थिति को बरकरार रखते हुए FY25 में 2,08,114 यूनिट्स की बिक्री की। यह पिछले साल की 2,04,726 यूनिट्स की तुलना में 2% की वृद्धि है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी 22.94% से बढ़कर 23.57% हो गई है, जो ग्रामीण भारत में किसानों के बीच इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। महिंद्रा ने गुणवत्ता, भरोसेमंद सर्विस नेटवर्क और तकनीकी नवाचारों के ज़रिए अपने ब्रांड की मजबूत पहचान बनाई है।
महिंद्रा के स्वराज डिवीजन ने भी शानदार प्रदर्शन किया। FY25 में स्वराज ब्रांड ने 1,65,562 ट्रैक्टर बेचे, जो पिछले वर्ष के 1,59,997 यूनिट्स की तुलना में 3% अधिक है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 17.93% से बढ़कर 18.75% हो गई है, जिससे यह देश का दूसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर ब्रांड बन गया है। स्वराज का मजबूत ग्रामीण जुड़ाव, टिकाऊ निर्माण और किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए मॉडल इसकी सफलता का आधार हैं।
इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड (सोनालिका) ने भी बनाए रखी मजबूती
इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड, जो सोनालिका ब्रांड के तहत ट्रैक्टर बेचती है, ने 1,15,198 यूनिट्स की बिक्री के साथ FY25 में तीसरे स्थान पर अपनी स्थिति बनाए रखी। FY24 में इसकी बिक्री 1,14,228 यूनिट्स थी, जिससे 1% की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी 12.80% से बढ़कर 13.04% हो गई है। सोनालिका की ईंधन दक्षता, तकनीकी नवाचार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात वृद्धि ने इसे इस मुकाम तक पहुँचाया है।
कई प्रमुख कंपनियों ने दर्ज की गिरावट
जहां शीर्ष तीन कंपनियों ने अच्छी वृद्धि दिखाई, वहीं कई अन्य प्रमुख ट्रैक्टर निर्माताओं को इस वर्ष गिरावट का सामना करना पड़ा। TAFE लिमिटेड, जो मैसी फर्ग्यूसन और आयशर ट्रैक्टर ब्रांड के तहत ट्रैक्टर बनाती है, ने FY25 में 99,286 यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के 1,08,106 यूनिट्स से 8% कम है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 12.11% से घटकर 11.24% हो गई है। मानसून की अनिश्चितता, ग्रामीण बाजारों में नकदी की कमी और बढ़ती प्रतिस्पर्धा इसके पीछे संभावित कारण हो सकते हैं।
इसी तरह, एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड (एग्री मशीनरी ग्रुप) ने FY25 में 87,628 यूनिट्स की बिक्री की, जो FY24 के 89,832 यूनिट्स से 2% कम है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 10.07% से घटकर 9.92% रह गई है। हालांकि, कुबोटा के साथ कंपनी की साझेदारी भविष्य में बेहतर उत्पाद पेश करने और तकनीकी नवाचार लाने में मदद कर सकती है।
जॉन डीयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ट्रैक्टर डिवीजन) ने इस वर्ष सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में एक स्थान हासिल किया। FY25 में कंपनी ने 67,518 यूनिट्स बेचे, जो पिछले साल के 63,620 यूनिट्स से 6% अधिक है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 7.13% से बढ़कर 7.65% हो गई है। उच्च तकनीक वाले ट्रैक्टरों और मजबूत सर्विस नेटवर्क के चलते जॉन डीयर ने उन्नत किसानों और बड़े भूखंडों वाले कृषकों के बीच अच्छी पकड़ बनाई है।
आयशर ट्रैक्टर्स (TAFE के अंतर्गत) ने FY25 में 57,213 यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के 59,538 यूनिट्स से 4% कम है। इसी तरह, CNH इंडस्ट्रियल (इंडिया) प्रा. लि., जो न्यू हॉलैंड और केस आईएच ब्रांड के तहत ट्रैक्टर बेचती है, ने FY25 में 35,763 यूनिट्स बेचे, जबकि FY24 में यह संख्या 36,236 थी — 1% की गिरावट।
कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इंडिया प्रा. लि. को इस वर्ष सबसे अधिक 15% की गिरावट का सामना करना पड़ा। कंपनी ने FY25 में 15,033 यूनिट्स बेचे, जो पिछले साल के 17,691 यूनिट्स की तुलना में काफी कम हैं। इसकी बाजार हिस्सेदारी भी 1.98% से घटकर 1.70% हो गई। उच्च कीमत और छोटे किसानों के बीच इसकी सीमित पहुँच इसका प्रमुख कारण हो सकते हैं।
‘अन्य’ श्रेणी में आने वाले छोटे और क्षेत्रीय निर्माताओं की बिक्री में 17% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जो FY24 में 38,436 से घटकर FY25 में 31,780 यूनिट्स हो गई।
बाजार की दिशा और आगे की संभावनाएँ
हालांकि FY25 में कुल ट्रैक्टर बिक्री में 1% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बाजार विशेषज्ञों और उद्योग से जुड़े लोगों को भविष्य को लेकर आशा है। यह गिरावट एक ऐसे समय में आई जब देश को अनिश्चित मानसून, ग्रामीण महंगाई और कमजोर ऋण आपूर्ति जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, प्रमुख कंपनियों ने या तो अपनी हिस्सेदारी बनाए रखी या उसमें वृद्धि की, जो उद्योग की मजबूती को दर्शाता है।
FADA की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में यदि मानसून सामान्य रहता है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की स्थिर नीति किसानों की आमदनी में सुधार लाती है, तो ट्रैक्टर बाजार में मजबूती से वापसी हो सकती है। साथ ही, ट्रैक्टरों का उपयोग अब केवल कृषि तक सीमित नहीं है — बल्कि ढुलाई, निर्माण कार्यों और व्यावसायिक उपयोगों के लिए भी बढ़ रहा है, जिससे दीर्घकालिक माँग को बल मिल सकता है।
सटीक खेती (precision farming), तकनीक-युक्त ट्रैक्टरों की बढ़ती माँग और बेहतर वित्तीय योजनाओं के चलते आने वाले वर्षों में उद्योग में और नवाचार और विकास की संभावनाएँ दिखाई देती हैं। जो कंपनियाँ affordability के साथ innovation ला पाएंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहुँच को मजबूत करेंगी, वे आगे की दौड़ में बढ़त बनाए रखेंगी।
भारत का ट्रैक्टर बाजार ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र की स्थिति का सीधा संकेत देता है। हालांकि FY2024-25 में कुल बिक्री में हल्की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन महिंद्रा एंड महिंद्रा, स्वराज और सोनालिका जैसी अग्रणी कंपनियों के प्रदर्शन से बाज़ार में स्थिरता और विश्वास बना रहा। जैसे-जैसे सरकार कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही है और ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को मज़बूत किया जा रहा है, भारतीय ट्रैक्टर उद्योग आगामी वर्षों में फिर से तेज़ी पकड़ सकता है।
भारत में ट्रैक्टर की ब्रांडवार बिक्री (FY 2024-25 बनाम FY 2023-24)
ट्रैक्टरनिर्माताकंपनी (OEM) | FY’25 मेंकुलबिक्री (यूनिट्स) | FY’25 मेंबाजारहिस्सेदारी (%) | FY’24 मेंकुलबिक्री (यूनिट्स) | FY’24 मेंबाजारहिस्सेदारी (%) | वृद्धि/घटाव (%) |
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (मुख्य ट्रैक्टर ब्रांड) | 2,08,114 | 23.57% | 2,04,726 | 22.94% | 2% |
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (स्वराज डिवीजन) | 1,65,562 | 18.75% | 1,59,997 | 17.93% | 3% |
इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड (सोनालिका) | 1,15,198 | 13.04% | 1,14,228 | 12.80% | 1% |
टैक्ट्रर्स एंड फार्म इक्विपमेंट्स लिमिटेड (TAFE) | 99,286 | 11.24% | 1,08,106 | 12.11% | -8% |
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड (एग्री मशीनरी ग्रुप) | 87,628 | 9.92% | 89,832 | 10.07% | -2% |
जॉन डियर इंडिया प्रा. लि. (ट्रैक्टर डिवीजन) | 67,518 | 7.65% | 63,620 | 7.13% | 6% |
आयशर ट्रैक्टर्स | 57,213 | 6.48% | 59,538 | 6.67% | -4% |
सीएनएच इंडस्ट्रियल (इंडिया) प्रा. लि. | 35,763 | 4.05% | 36,236 | 4.06% | -1% |
कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इंडिया प्रा. लि. | 15,033 | 1.70% | 17,691 | 1.98% | -15% |
अन्य कंपनियां | 31,780 | 3.60% | 38,436 | 4.31% | -17% |
कुलयोग | 8,83,095 | 100% | 8,92,410 | 100% | -1% |
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: