Uncategorized

अनूपपुर जिले में सवा लाख से अधिक नाशपाती पौधे लगेंगे

नाशपाती, सेब की प्रजाति का फल है। अमरकंटक की जलवायु इसके पनपने के लिये बेहद अनुकूल है। जहां अन्य फलदार पौधों के बड़ा होने पर उनमें तेज ठंड के कारण पाला मार जाता है, वहीं नाशपाती के पौधे के जीवित रहने की दर सबसे ज्यादा है। रोपने के चार साल बाद इस पर फलन शुरू हो जाता है। पचास से साठ किलो तक फल एक पेड़ पर लगते हैं। नाशपाती फल की मांग मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में काफी है। जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में कई किसान इसका व्यापारिक स्तर पर उत्पादन कर भी रहे हैं।

भोपाल। आगामी 2 जुलाई को प्रदेशव्यापी वृक्षारोपण अभियान में अनूपपुर जिले में नाशपाती फल के पौधे लगाये जायेंगे। इसके लिये उद्यानिकी विभाग द्वारा सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने बताया कि अमरकंटक बायोस्फियर जोन नाशपाती फल के व्यापारिक  उत्पादन के लिये अनुकूल है। इसके अलावा अनूपपुर के लिये नर्मदा बेसिन में वन विभाग 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में 8 लाख 38 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगायेगा। कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल नाशपाती के 5,000 पौधे लगाये जा चुके हैं। नर्मदा नदी के दोनों तटों पर एक लाख 29 हजार नाशपाती पौधे लगाये जायेंगे। उद्यानिकी विभाग द्वारा पौध तैयार कर ली गई है। नर्मदा किनारे की 23 ग्राम पंचायतों के 618 किसानों का चयन कर लिया गया है। इसके लिये 330.8 हेक्टेयर में पौध रोपण के लिये गड्ढ़े खोदने का काम अंतिम चरण में है। जो किसान अपने खेतों पर नाशपाती के पौधे लगायेंगे उन्हें अनुदान भी मिलेगा।

Advertisement
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement