Uncategorized

आशा बीच निराशा- दलहन, तिलहन की

Share

संयुक्त राष्ट्र संघ तथा आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन के अनुमान के अनुसार भारत की जनसंख्या वर्ष 2026 तक एक अरब पचास करोड़ तक पहुंच जायेगी। इसमें अगले 10 वर्षों में अभी की जनसंख्या एक अरब तीस करोड़ से बीस करोड़ मनुष्यों की वृद्धि हो जायेगी और यह विश्व का सबसे आबादी वाला देश बन जायेगा। विश्व की वर्तमान आबादी जो अभी 7 अरब 30 करोड़ है, अगले 10 वर्षों में बढ़कर 8 अरब 20 करोड़ हो जायेगी। इस जनसंख्या को खाद्यान्न उपलब्ध करना अगले 10 वर्षों में एक चुनौती होगी। इन संस्थाओं के अनुमान के अनुसार विश्व में गेहूं उत्पादन के लिए इसके क्षेत्र में अगले 10 वर्षों में मात्र 1.8 प्रतिशत क्षेत्र में वृद्धि होगी जबकि गेहूं के उत्पादन में इन वर्षों में 11 प्रतिशत वृद्धि होने की आशा है। गेहूं के उत्पादन में यह वृद्धि अधिक उत्पादन से होगी और मुख्य श्रेय एशिया व पेसेफिक देशों को जायेगा जिसमें भारत का प्रमुख स्थान रहेगा जिसके 15 टन तक पहुंच जाने की संभावना है जबकि पाकिस्तान में उपज 6 टन तथा चीन में 5.5 टन तक ही पहुंच पायेगी। इसी प्रकार विश्व में धान की औसत उपज के 66 टन प्रति हेक्टेयर तक पहुंच जाने की सम्भावना है। इसका अर्थ हुआ कि विश्व में वर्तमान चावल की उपलब्धता से 93 प्रतिशत अधिक चावल अगले 10 वर्षों में उपलब्ध रहेगा। जबकि धान के बुवाई क्षेत्र में मात्र एक प्रतिशत की ही वृद्धि होगी व उत्पादन में 12 प्रतिशत वृद्धि की आशा है। धान के उत्पादन में जिन देशों का योगदान रहेगा उनमें भारत, इन्डोनेशिया, म्यांमार, थाईलैंड व वियतनाम जैसे छोटे देश प्रमुख हैं, इन देशों में धान की उपज में 15 प्रतिशत वृद्धि की आशा है। भारत के लिए सबसे अच्छे आंकड़े दूध उत्पादन के लिए दर्शाये गये हैं। भारत में अगले 10 वर्षों में दूध उत्पादन में 49 प्रतिशत वृद्धि की आशा है। दूध का उत्पादन वर्तमान उत्पादन का तिगुना हो जायेगा। वर्ष 2026 तक भारत विश्व का सबसे अधिक दूध उत्पादन वाला देश बन जायेगा और विश्व के कुल दूध उत्पादन का एक तिहाई दूध उत्पादित करेगा। देश दलहन व तिलहन उत्पादन में अभी भी काफी पीछे है और इसके आने वाले वर्षों में सकारात्मक वृद्धि की आशा नहीं है। इन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें नये सिरे से प्रयास करने होंगे, नहीं तो देश को तिलहन व दलहन की आपूर्ति के लिए आयात का ही सहारा लेना होगा।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *