Uncategorized

फसलों के लिये आपात योजना बनेगी

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में सम्पन्न कृषि केबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए फसलों के लिये आपात योजना बनाई जाये। साथ ही पेयजल की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बाँधों से सिंचाई की योजना बनाई जाये। बैठक में कृषि केबिनेट के सदस्य मंत्रीगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिले, इसकी रणनीति बनाई जाये। आगामी पन्द्रह सितम्बर के बाद वर्षा की स्थिति का आकलन कर फसलों की आपात योजना की पुन: समीक्षा की जाये। कम वर्षा की स्थिति में बोयी जाने वाली फसलों के बारे में किसानों को जानकारी दी जाये।
बताया गया कि प्रदेश में इस बार खरीफ में उड़द का क्षेत्र साढ़े छह लाख हेक्टेयर बढ़ा है। जबकि धान का क्षेत्र ढाई लाख हेक्टेयर तथा सोयाबीन का क्षेत्र चार लाख हेक्टेयर कम हुआ है। खरीफ में इस बार 130 लाख 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई है, जो पिछले वर्ष से छह लाख हेक्टेयर अधिक है।
उर्वरक की खपत में पन्द्रह प्रतिशत की बढ़त हुई है, जिसमें डीएपी का उपयोग 37 प्रतिशत बढ़ा है। प्रदेश के बड़े बाँधों में जल स्तर की मॉनीटरिंग की जा रही है।
बैठक में भावान्तर भुगतान योजना की जानकारी दी गई। यह योजना किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने और मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये बनाई गई है।

  • बांधों से सिंचाई की योजना बनाएं
  • फसल बीमा योजना का लाभ मिले
  • 15 सितम्बर के बाद वर्षा की स्थिति का आकलन करें
  • किसानों को कम वर्षा में होने वाली फसलों की जानकारी दें
Advertisements
Advertisement5
Advertisement