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मानसून सामान्य रहा तो खाद्यान्न उत्पादन का बनेगा नया रिकॉर्ड : श्री सिंह

(नई दिल्ली कार्यालय)
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि श्री मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जुलाई से शुरू होने वाले फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना है। लगातार दूसरे वर्ष इस बार भी मॉनसून सामान्य रहने की मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बीच उन्होंने खाद्यान्न उत्पादन का नया कीर्तिमान स्थापित होने की यह उम्मीद जताई है। चालू फसल वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादन के 27 करोड़ 33.8 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने की संभावना है क्योंकि दो वर्षो के सूखे के बाद मानसून बेहतर रहा था।  वर्ष 2015-16 में फसल उत्पादन 25 करोड़ 15.7 लाख टन का हुआ था। इससे पूर्व का रिकॉर्र्ड वर्ष 2013-14 का 26 करोड़ 50.4 लाख टन का हुआ था। खाद्यान्नों में धान,गेहूं, मोटे अनाज और दलहन शामिल हैं।
कृषि विभाग की पिछले तीन सालों की उपलब्धियों को साझा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि मौसम विभाग ने इस वर्ष सामान्य मानसून होने की भविष्यवाणी की है। अगर मानसून बेहतर है, तो मुझे पूरा भरोसा है कि खाद्यान्न उत्पादन फिर से रिकॉर्ड स्तर का होगा तथा कृषि दर को 4.4 प्रतिशत से अधिक ले जाएगा जो दर वर्ष 2016-17 में हासिल हुई थी।
इस आयोजन के मौके पर कृषि सचिव श्री शोभना के पटनायक ने कहा कि हमारी न्यूनतम उम्मीद इस वर्ष के रिकॉर्ड उत्पादन को लांघने की है। कृषि मंत्रालय फसल विशेष संबंधी अनुमानों को मौसम विभाग की अगले माह जारी होने वाली मानसून के संबंध में दूसरी भविष्यवाणी के आधार पर करेगा। उन्होंने कहा कि इस बीच सरकार ने खरीफ  बुआई के लिए बीज, उर्वरकों और अन्य संसाधनों की व्यवस्था कर रखी है जो बुआई जुलाई से पूरे जोर पर चलेगी।

जीएम सरसों पर एतराज नहीं
कृषि मंत्रालय को जीएम सरसों को लेकर कोई आपत्ति नहीं है और अगर पर्यावरण मंत्रालय मंजूरी देता है तो वह इसकी खेती को प्रोत्साहित करेगा। जीईएसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में विकसित जीएम सरसों की वाणिज्यिक मंजूरी दे दी है। 11 मई को जीईएसी ने पर्यावरण मंत्रालय को दिए गए अपने प्रतिवेदन में जीएम सरसों किस्म की वाणिज्यिक खेती करने की सिफारिश की थी जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक मैनिपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स द्वारा विकसित किया गया। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अभी भी अंतिम मंजूरी दी जानी बाकी है। कृषि मंत्री      श्री राधामोहन सिंह से जब पूछा गया कि क्या उनका मंत्रालय जीएम सरसों को प्रोत्साहित करेगा. तो उन्होंने कहा, ‘जो भी फसल अधिसूचित हैं, चाहे वे जीएम हों अथवा गैर जीएम, अगर वैज्ञानिकों ने इन्हें मंजूरी दी है, तो हमारे मंत्रालय का काम उत्पादन, उत्पादकता को बढ़ाना, उत्पादन की लागत को कम करना और किसानों को उचित मूल्य दिलाना सुनिश्चित करना है।

जीएम सरसों पर रस्साकशी

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