समस्या- मैं अंगूर लगाना चाहता हूं क्या हमारे क्षेत्र में पैदा किया जा सकता है। विधि भी लिखें?
– रामाजी पाटीदार, शुजालपुर
समाधान- आज से दो-तीन दशक पहले अंगूर की खेती केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित थी परंतु खेती को लाभकारी बनाने के प्रयास में नगदी फसलों के विस्तार में गति आई और अंगूर जैसी फसल भी हमारे प्रदेश में सफलता से आपके यहां भी लगाई जा सकती है। आप निम्र तकनीकी अपनायें।
- पौध लगाने का उचित समय नवम्बर से जनवरी होता है।
- जल्दी ही खेत में 60&60&60 मीटर के लम्बे, चौड़े तथा गहरे गड्ढ़े तैयार करा लें किस्मों के अनुरुप गड्ढ़ों की दूरी 3&3 मीटर से लेकर 7&3 मीटर तक रखी जा सकती है।
- तारों से इसकी बेल को चढ़ाने के लिये मंडप तैयार किया जाता है पड़ोस के जिले रतलाम में स्वयं जाकर इनकों देखें तथा प्रशिक्षण भी लें क्योंकि फलन हेतु बेलों को विशेष स्थिति में कांटा/छांटा जाता है।
- प्रत्येक गड्ढ़ों में 40 किलो गोबर की खाद, 1 किलो सिंगल सुपर फास्फेट तथा 500 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश भरें।
निम्र पते पर सम्पर्क करके अतिरिक्त जानकारी भी प्राप्त करें।
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- अरविन्द धाकड़, ग्राम पोस्ट – रियावन
तह.- पिपलोद, जिला-रतलाम
मो. – 9425192704