भाषा और पर्यावरण
किसी समाज का पर्यावरण पहले बिगडऩा शुरू होता है या उसकी भाषा- हम इसे समझकर संभल सकने के दौर से अभी तो आगे बढ़ गए हैं। हम ‘विकसित हो गए हैं। भाषा यानी केवल जीभ नहीं। भाषा यानी मन और
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