मालवा-निमाड़ में चने का रकबा घटा
चने पर चर्चा इंदौर। इस वर्ष बारिश अधिक होने से भू जल स्तर में वृद्धि हुई है । इससे किसानों के जल स्रोतों कुंए – ट्यूबवेल में पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने से किसानों ने रबी में चने के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंचने (Gram) से जुड़ी खबरें, चने की खेती, अधिक उपज देने वाले चने की किस्में, कम पानी वाली चने की किस्में, लंबी अवधि और कम अवधि वाली चने की किस्में, मंडी दर, टॉप चना बीज कंपनियां, डीसीएम श्रीराम चना बीज, चने (Gram) के प्रमुख कीट और रोग नियंत्रण, सिंचाई, बीज दर, बुआई का समय, उर्वरक की मात्रा, कटाई का समय, भंडारण, आज का चना मंडी रेट, चना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य), चना बोनस, चना निर्यात, चना फसल बीमा, जड़ों की माहो का नियंत्रण, चना उपार्जन किसान पंजीयन तारीख, दागी चना खरीदेगी, चने का निर्यात कैसे किया जा सकता है, भारत में चने की सबसे अधिक पैदावार कहाँ होती है?, भारत में चने की सबसे अधिक पैदावार कितनी होती है?
चने पर चर्चा इंदौर। इस वर्ष बारिश अधिक होने से भू जल स्तर में वृद्धि हुई है । इससे किसानों के जल स्रोतों कुंए – ट्यूबवेल में पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने से किसानों ने रबी में चने के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंगेहूं की सिंचित दशा वाली फसल में पांचवीं सिंचाई 75-85 दिन बाद दूधिया अवस्था के समय एवं छठी सिंचाई 85-95 दिन बाद दाने भराव की अवस्था में करें। गेहूं की फसल में कंडवा रोग दिखाई देने पर ग्रसित बालियों को
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसूरज की रोशनी की अवधि बढऩे लगी है इसको ध्यान में रखते हुए गेहूं, चना, मटर आदि फसलों में जल प्रबंधन करें। फसलों में उत्पादन वृद्धि के लिए 0.52.34 का छिड़काव असिंचित अवस्था में 1.5 ग्राम तथा सिंचित अवस्था में
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंविकास की मुख्य-धारा से जुड़ेंगे 50 हजार से अधिक आबादी के गांव भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी 22 हजार 812 ग्राम पंचायतों के 50 हजार से अधिक
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा करवाकर खेती में जोखिम को कम करें, रबी फसलों के लिए ऋणी एवं अऋणी किसान के प्रस्ताव बैंक में जमा करने की अंतिम तारीख 31 दिसम्बर 2019 निर्धारित है, बीमा योजना के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंदेशी, काबुली और गुलाबी चना चना मध्यप्रदेश की मुख्य दलहनी फसल है। मध्यप्रदेश में देशी, काबुली और गुलाबी चना की फसल सफलतापूर्वक ली जाती है। प्रदेश में इसका रकबा लगभग 25.72 लाख हेक्टेयर, उत्पादन लगभग 25.35 लाख टन है। पूरे
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसमस्या- गेहूं व चने में दीमक नियंत्रण के लिए क्या बीज उपचार किया जा सकता है ? समाधान – गेहूं व चने में बीज उपचार द्वारा दीमक से होने वाली हानि को कम किया जा सकता है। गेहूं में बीज
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंगेहूं की फसल में चौड़ी एवं सकरी पत्ती खरपतवार नियंत्रण हेतु क्लोडीनोफॉप एवं मेट्सल्फ्युरान नींदानाशी की 160 ग्राम प्रति एकड़ मात्रा 150 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। गेहूं में द्वितीय सिंचाई कल्ले निकलते समय, तीसरी सिंचाई गांठें बनते समय,
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंइंदौर। राज्य शासन ने रबी वर्ष 2019-20 के लिये विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज की उपार्जन, विक्रय और अनुदान दरें निर्धारित की हैं। संस्था की सकल विक्रय दर तथा किसानों को प्राप्त होने वाले बीज की अंतिम दर पर बीज
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें(विशेष प्रतिनिधि) भोपाल। म.प्र. की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला बनाई जाएगी। दिसम्बर तक गौशालाओं का कार्य पूर्ण कर चारागाहों के लिए जमीन का अधिग्रहण करें। यह निर्देश अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री मनोज श्रीवास्तव ने संभागीय बैठकों में दिए।
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