अशोकनगर में प्रगतिशील एवं उन्नत कृषकों की कार्यशाला सह प्रशिक्षण आयोजित
06 दिसंबर 2024, अशोकनगर: अशोकनगर में प्रगतिशील एवं उन्नत कृषकों की कार्यशाला सह प्रशिक्षण आयोजित – प्रगतिशील किसान परम्परागत कृषि को आधुनिक तकनीक कृषि के रूप में नवीन तकनीक का उपयोग कर कृषि को लाभ का धंधा बनाएं । साथ ही कृषि के साथ साथ कृषि आधारित नये उद्योगों की स्थापना कर आर्थिक लाभ प्राप्त करने की ओर अग्रसर हों । यह बात कलेक्टर श्री सुभाष कुमार द्विवेदी ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित प्रगतिशील एवं उन्नत कृषकों की कार्यशाला सह प्रशिक्षण के आयोजन अवसर पर कृषकों से कही। प्रशिक्षण में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. नेहा जैन,एसडीएम श्रीमती शुभ्रता त्रिपाठी, उप संचालक कृषि श्री के.एस.कैन,संबंधित विभागों के अधिकारी एवं उन्नतशील कृषक उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में कलेक्टर श्री द्विवेदी ने कहा कि जिले में उन्नतशील कृषक आर्थिक मानदंडों के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण द्वारा संचालित योजनाओं के तहत लाभ लेकर आमदानी बढाने के लिये आगे आये। साथ ही नवीन योजनाओं के तहत समन्वय स्थापित कर कृषि आधारित उद्योगों के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर अग्रिम कार्यवाही करें । उन्होंने कहा कि कृषि के अलावा पशुपालन, मछली पालन, उद्यानिकी के क्षेत्र में कार्य कर उन्नतशील बनें। जिससे किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि हो । साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसका लाभ लेकर अपने जीवन को सुखमय, खुशहाल और समृद्ध बनाएं ।
कलेक्टर ने कहा कि बदलाव के नए दौर से कृषि का क्षेत्र भी गुजर रहा है। अब समय आ गया है कि कृषक भी कृषि परिवेश में नई तकनीक, नवाचार, नए लाभकारी, अपरंपरागत फसल की ओर रुख करें। उन्होंने कहा कि एकीकृत कृषि कार्य समय की मांग है। अपनी आय को दोगुना करने के लिए नए फसल का प्रयोग करना जरूरी हो गया है। किसान ,आगे आकर समृद्ध किसान समृद्ध भारत की अवधारणा को साकार करें।
प्रशिक्षण में दुग्ध संघ द्वारा मिल्क चिलर,डेयरी,दुग्ध उत्पादन क्षमता,बीएमसी केन्द्रों के संचालन तथा पशु प्रदाय योजना के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन,सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ,बीज ग्राम,मिट्टी परीक्षण,फसल बीमा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।प्रशिक्षण में विभागों द्वारा कृषि आधारित नवीन तकनीक के बारे में जानकारी दी गई।
उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यमी योजना,एक जिला एक उत्पाद अंतर्गत टमाटर तथा धनिया की ब्रांडिंग के संबंध में विस्तार से बताया गया। सहकारिता विभाग द्वारा संगठित 300 किसानों को पैक्स का लाभ दिये जाने के बारे में बताया गया। पशुपालन विभाग द्वारा साइलेज उत्पादन,बकरी पालन,मुर्गी पालन के प्रोजेक्ट तथा सब्सिडी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य पालन हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना सहित अनुसूचित जाति-जनजाति महिला वर्ग तथा सामान्य वर्ग को दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में किसान क्रेडिट कार्ड,निजी क्षेत्र के कस्टम हायरिंग योजना अंतर्गत प्रोजेक्ट की कुल लागत तथा अनुदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में उपस्थित कृषकों द्वारा शासकीय योजना अंतर्गत किये जाने वाले प्रोजेक्ट के बारे में विभागों को अपनी सहमति प्रदान की।
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