मध्यप्रदेश के 14 जिलों में अति भारी वर्षा की चेतावनी
25 जुलाई 2025, इंदौर: मध्यप्रदेश के 14 जिलों में अति भारी वर्षा की चेतावनी – मौसम केंद्र, भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान, मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन , रीवा संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर; सागर संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर; भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर , चंबल, जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज़ की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा ।
वर्षा के प्रमुख आंकड़े ( मि मी में ) – माड़ा 180.0, भितरवार 96.2, मुंगावली 92.0, ग्वालियर 90.9, पथरिया 89.0, चि नोर 87.2, चंदेरी 85.0, ओरछा 85.0, केसली 83.4, बीना 82.4, अलीपुर 80.0, रहटगढ़ 74.2, डबरा 71.0, सिरोंज 70.0, सिलवानी 69.0, पाटन 66.1, उदयपुरा 65.0, ग्यारस पुर 65.0, परसवाड़ा 64.3, रायसेन 61.0, नरवर 60.4, चाचौड़ा 60.0, गोरमी 58.0, घाटीगांव 56.3, हर्राई 54.2, डिंडोरी 54.2, गैरतगंज 54.2, बालाघाट 54.0, पठारी 54.0, मकसूदनगढ़ 53.0, खनियाधाना 53.0, श्यामपुर 52.5, लटेरी 50.5, लखनादौन 50.4, कुरवाई 50.2, कुं भराज 50.0, गुलाबगंज 50.0, पोहरी 48.0, बेगमगंज 47.8, पचमढ़ी 47.4, अमरपाटन 47.0, गोहद 46.0, बदरवास 46.0, ब्यावरा 45.2, तमिया 45.0, तिरोड़ी 44.1, इंदरगढ़ 43.0, नरसिंहगढ़ 42.5, जैसीनगर 42.3, पांढुर्ना 42.0, गंजबासौदा 40.2, अमरकंटक 40.0, करेली 40.0, सिवनी 39.2, ईसागढ़ 39.0, खुरई 38.5, विदिशा 38.0, बैरसिया 37.2, जैतहरी 37.0, बैराड़ 36.0, तेंदूखेड़ा – दमोह 35.2, वारासिवनी 35.1, गाडरवारा 35.0, कोलारस 34.0, कि रनापुर 33.2, राघौगढ़ 31.0, सिंगरौली 30.2, आमला 30.0, बिजुरी 29.4, कुं डम 29.2, जबेरा 29.0, नबीबाग 28.6, रीठी 28.6, भोपाल 28.4, रामनगर 28.4, बिछु आ 28.2, मलाजखंड 28.1, अरेरा हिल्स 28.0, दितया 28.0, मुरैना 27.6, मुलताई 27.4, वेंकट नगर 26.3, करांजिया 26.3, लाल बर्रा 26.0, मालथौन 26.0, जयतपुर 26.0,पिछोर 26.0, नटेरन 26.0, बिरसा 25.2, ढीमरखेड़ा 25.0, उंचेहरा 25.0, शि वपुरी 25.0, हट्टा 24.2, सिहोरा 24.1, कु रई 24.0, कटंगी 23.6, कोलार 23.6, नौगांव 23.2, खि लचीपुर 23.2, चितरंगी 23.2, बनखेड़ी 22.4, शाहपुरा-जबलपुर 22.2, मैहर 22.2, चाचरिया पाटी 22.0, नरसिंहपुर 22.0, नि वाली 21.6, गुना 21.6, सुल्तानपुर 21.3, घोड़ाडोंगरी 21.0, बिजावर 21.0, जुन्नारदेव 20.6, देवरी- सागर 20.1, मटीयारी 20.0, गोटेगांव 20.0, सौसर 20.0 और शमशाबाद में 20.0.मि मी वर्षा दर्ज़ की गई। सिंगरौली में अति भारी वर्षा तथा दमोह, नि वाड़ी, सागर, जबलपुर, मुरैना, ग्वालियर , अशोकनगर, विदिशा और रायसेन जिले में भारी वर्षा हुई। 1 जून से 25 जुलाई तक दीर्घावधि औसत से मध्यप्रदेश में 49 % अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मप्र में औसत से ६६ % अधिक और पश्चिमी मप्र में औसत से 34 % अधिक वर्षा हुई है।
मौसमी परिस्थितियां – डिप्रेशन, तटीय पश्चिम बंगाल और संलग्न पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी व बांग्लादेश के क्षेत्रों में अवस्थित है। है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके पश्चिम – उत्तर – पश्चिम की ओर गंगीय पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और झारखंड की ओर बढ़ने की प्रबल संभावना है। वर्तमान में मानसून ट्रफ , मध्य समुद्र तल पर जम्मू , चंडीगढ़, बरेली, गोरखपुर, पटना, बांकुरा, कोलकाता,तटीय पश्चिम बंगाल और संलग्न पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी व बांग्लादेश के क्षेत्रों में बने डिप्रेशन के केंद्र तक विस्तृत है। ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण हरियाणा और निकटवर्तीय क्षेत्रों पर सक्रिय है। एक ट्रफ , हरियाणा और निकटवर्तीय क्षेत्रों पर बने ऊपरी हवा के चक्रवातीय परिसंचरण से उत्तर प्रदेश , उत्तर -पूर्व – मध्यप्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, दक्षिणी झारखंड और उत्तरी ओडिशा होकर डिप्रेशन के केंद्र तक मध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर अवस्थित है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण उत्तरी छत्तीसगढ़ और निकटवर्तीय क्षेत्रों के मध्य सक्रिय है। एक ट्रफ पूर्वोत्तर अरब सागर से उत्तरी छत्तीसगढ़ और निकटवर्तीय क्षेत्रों पर बने चक्रवातीय परिसंचरण तक महाराष्ट्र से होकर मध्य समुद्र तल से 4.5 और 5.8 किमी की ऊंचाई के मध्य विस्तृत है।
पूर्वानुमान – मौसम केंद्र ने नर्मदापुरम, बैतूल, गुना, शिवपुरी, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, शहडोल, छिंदवाड़ा, पन्ना और मैहर जिलों में कहीं -कहीं अति भारी वर्षा , झंझावत और वज्रपात की चेतावनी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि विदिशा , रायसेन, सिहोर, राजगढ़, हरदा, अशोकनगर, ग्वालियर , अनुपपुर, उमरिया , डिंडोरी , कटनी और जबलपुर जिलों में कहीं -कहीं भारी वर्षा , झंझावत और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के शेष जिलों में अनेक/ अधिकांश स्थानों पर वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। कई जिलों में झंझावात और वज्रपात की भी संभावना जताई गई है।
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