गेंहू में पोटाश मिश्रित खाद के इस्तेमाल से बढ़ेगी पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता, ICAR ने दी किसानों को सलाह
11 नवंबर 2025, भोपाल: गेंहू में पोटाश मिश्रित खाद के इस्तेमाल से बढ़ेगी पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता, ICAR ने दी किसानों को सलाह – मध्यप्रदेश के गुना जिले के उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग संजीव शर्मा ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की अनुशंसा अनुसार गेहूं की – फसल में पोटास उर्वरक तत्व अति आवश्यक है, जो कि डीएपी में नहीं है इसलिए गेहूं की फसल में डीएपी के स्थान पर एन. पी. के. 10-26-26, 16-16-16, 12-32-16, 14-35-14, 08-21-21, मिश्रित उर्वरक आवश्यक रूप से उपयोग करें।
इससे गेहूं फसल में प्राथमिक पोष्क तत्वों की पूर्ति की जा सकती है मिश्रित उवर्रकों मे पोटास की उपलब्धता होने के कारण गेहूं फसल का दाना चमकीला, मोटा एवं एक समान बनने के कारण गेंहू फसल का उत्पादन बढ जाता है एवं गेहूं फसल में पोटाश का उपयोग करनें से रोग बीमारियों से लडनें की क्षमता बढ़ जाती है। कम पानी की स्थिती में भी पोटाश युक्त मिश्रित उर्वरकों के प्रयोग से गेहूं फसल की पैदावार अच्छी प्राप्त होती है।
उन्होंने सभी किसान भाइयों से अनुरोध है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की अनुशंसा अनुसार ही डीएपी के स्थान पर युक्त मिश्रित एन०पी० के० उर्वरकों का प्रयोग करें जिससे जिलें में गेहूं की फसल का उत्पादन प्रभावित ना हों।
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