‘एक जिला एक उत्पाद’ में यूपी की चमक: काला नमक चावल ने जीता राष्ट्रीय पुरस्कार, किसानों को मिली नई पहचान
17 जुलाई 2025, भोपाल: ‘एक जिला एक उत्पाद’ में यूपी की चमक: काला नमक चावल ने जीता राष्ट्रीय पुरस्कार, किसानों को मिली नई पहचान – देशभर के किसानों के लिए खुशी की खबर है। केंद्र सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के तहत घोषित राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 में उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के मशहूर काला नमक चावल को कांस्य (ब्रॉन्ज) पुरस्कार मिला है। यह सम्मान सिद्धार्थनगर के किसानों की मेहनत और पारंपरिक खेती को देशभर में नई पहचान दिलाएगा।
नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह पुरस्कार घोषित किए। मंत्री ने कहा कि देश के अनोखे कृषि उत्पादों को ब्रांडिंग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाना सरकार का मकसद है। काला नमक चावल अपने खास स्वाद, सुगंध और पौष्टिकता के लिए जाना जाता है और अब इसे वैश्विक पहचान मिलने का रास्ता खुल गया है।
किन जिलों को मिला पुरस्कार?
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य जिलों को भी कृषि उत्पाद श्रेणी में सम्मान मिला है। आंध्र प्रदेश के गुन्टूर की मिर्च और महाराष्ट्र के रत्नागिरी के अल्फांसो आम को स्वर्ण पुरस्कार मिला है। वहीं नागपुर का संतरा और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का केसर रजत पुरस्कार से नवाजे गए हैं। अमरावती (महाराष्ट्र) का मंदारिन संतरा और श्रीकाकुलम (आंध्र प्रदेश) का काजू भी कांस्य पुरस्कार में शामिल रहे। इसके अलावा असम के नलबाड़ी के चावल उत्पाद, केरल के वायनाड की कॉफी और महाराष्ट्र के नासिक के अंगूर- किशमिश को विशेष पुरस्कार मिला है।
किसानों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास
‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के तहत केंद्र सरकार का उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना और उनके स्थानीय उत्पादों को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाना है। मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना से “लोकल को ग्लोबल” बनाने का सपना साकार हो रहा है। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए यह एक बड़ा अवसर है कि वे अपनी पारंपरिक फसल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमका सकें। योजना के तहत पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग से लेकर निर्यात तक सरकार हर स्तर पर किसानों की मदद करेगी।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: