राज्य कृषि समाचार (State News)

दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक सेमिनार/संगोष्ठी आयोजित

08 मार्च 2025, अशोकनगर: दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक सेमिनार/संगोष्ठी आयोजित – कलेक्‍टर श्री सुभाष कुमार द्विवेदी के निर्देशन में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्‍करण विभाग अशोकनगर द्वारा आयोजित एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक सेमिनार/संगोष्ठी का शुभारंभ  अशोकनगर में  गत दिनों किया गया ।

कार्यशाला में सहायक संचालक उद्यानिकी श्री रविशंकर सोनी ने कार्यशाला के उद्देश्य एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, उद्यानिकी फसलें किसानों की आय को आसानी से दोगुना करने में सहायक होती हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों को उद्यानिकी फसलों की खेती और खाद्य प्रसंस्करण के नए तरीकों से अवगत कराया जा रहा है।  उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ.के.के.यादव द्वारा फलों की उन्नत खेती के बारे में,कृषि वैज्ञानिक व्ही.एस.गुप्ता द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना संबंधी जानकारी, कृषि वैज्ञानिक डॉ.हनुमंत कुमार त्रिवेदी द्वारा सब्जी मसाला फसलों में पौध संरक्षण संबंधी जानकारी विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में कृषकों को नवीन तकनीक द्वारा परंपरागत खेती के साथ- साथ  वैज्ञानिकों द्वारा बताए अनुसार उद्यानिकी खेती करके अधिक पैदावार लेकर स्वयं की वित्तीय स्थिति में सुधार करें।

Advertisement
Advertisement

वैज्ञानिकों ने बताया कि उद्यानिकी फसलें  जैसे-फलोद्यान, फलोद्यान में क्षेत्रीयता के आधार पर यह ध्यान देना है कि क्षेत्र में कौन से फल का उत्पादन अधिक होता है। क्षेत्रीयता के आधार पर यहां पर अमरूद सफल है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। अमरूद लगाने के लिए उत्तम प्रजाति एल-49, ग्वालियर 27 है। कार्यशाला में  सब्जियों टमाटर, बैंगन, मिर्च भिंडी , अधिक उत्पादन देती है।  आलू , मसाला खेती जैसे धनिया, प्याज, लहसुन या कंद वाली फसलों में मिनी स्प्रिंकलर , ड्रिप व मल्चिंग द्वारा सिंचाई करने से उपज में तीन गुना तक वृद्धि होती है। शेडनेट हाउस, पॉलीहाउस, लो टनल ग्रीन हाउस में खेती करके आय में काफी वृद्धि की जा सकती है। ग्रीष्मकाल में  तालाबों  में पानी कम होने पर तालाब की खाली जगह में खरबूज,  तरबूज , ककड़ी, खीरा की खेती करके भी लाभ कमाया जा सकता है। किसानों को अच्छी किस्म के पौधे लगाए जाने की सलाह दी गई। फसल में नीले एवं पीले प्रपंच लगाकर फसल को कीटों से बचाया जा सकता है। उक्त फसलों के अतिरिक्त  मशरूम  उत्पादन, मधुमक्खी पालन करके अतिरिक्त आय भी ली जा सकती है। इस अवसर पर उन्नतशील कृषकों का सम्मान किया गया। कार्यशाला में उप संचालक पशु चिकित्‍सा डॉ.कल्पना दीवान,श्री सत्येंद्र कलावत सहित कृषकगण उपस्थित रहे।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement