जनजातीय गौरव दिवस: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया दो संग्रहालयों का लोकार्पण
16 नवंबर 2024, भोपाल: जनजातीय गौरव दिवस: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया दो संग्रहालयों का लोकार्पण – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के दो जनजातीय संग्रहालयों का वर्चुअल लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान को उचित मान्यता देने और उनके कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री ने छिंदवाड़ा स्थित श्री बादल भोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय और जबलपुर स्थित राजा शंकर शाह व रघुनाथ शाह संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “जनजातीय गौरव दिवस इतिहास में जनजातीय समाज के साथ हुए अन्याय को दूर करने की एक ईमानदार कोशिश है। आजादी के बाद जनजातीय समाज के योगदान को वह स्थान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे।”
6,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं हुईं शुरू
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर जनजातीय क्षेत्रों में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें जनजातीय छात्रों के लिए स्कूल और हॉस्टल, महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों का निर्माण और डेढ़ लाख परिवारों को पक्के मकानों के स्वीकृति पत्र शामिल हैं। साथ ही, देव दीपावली के दिन 11,000 से अधिक जनजातीय परिवारों को नए घरों में प्रवेश का भी अवसर मिला।
जनजातीय समाज का मूल अधिकार: जल, जंगल और जमीन
राज्य स्तरीय कार्यक्रम शहडोल में आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय समाज के जल, जंगल और जमीन के अधिकार को उनकी संस्कृति और परंपराओं का आधार बताया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अंग्रेजों के शोषण और धर्मांतरण के प्रयासों का डटकर विरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जनजातीय गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि खरगोन में नए विश्वविद्यालय का नाम क्रांतिवीर टंट्या मामा विश्वविद्यालय रखा गया है और महू के रेलवे स्टेशन का नाम भी टंट्या मामा के नाम पर किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री ने 229.66 करोड़ रुपये के 76 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इनमें शहडोल जिले में 68.15 करोड़ रुपये की लागत से 33 विकास कार्यों का लोकार्पण और 161.51 करोड़ रुपये की लागत के 43 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।
कार्यक्रम में पारंपरिक जनजातीय नृत्यों जैसे गुदुम्ब, शैला और करमा की प्रस्तुतियां दी गईं। विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें महिला बाल विकास, वन, शिक्षा, कृषि और आजीविका मिशन जैसे विभाग शामिल रहे।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के लोग, जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के कल्याण और विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए किया।
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