दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण संपन्न
06 दिसंबर 2025, छिन्दवाड़ा: दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण संपन्न – कलेक्टर श्री हरेंद्र नारायन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अग्रिम कुमार के निर्देशानुसार दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के द्वितीय चरण के अंतर्गत 01 से 03 दिसंबर 2025 तक कृषि विज्ञान केंद्र चंदनगांव एवं शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय छिंदवाडा में 140 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया । इसी तरह 1 दिसंबर 2025 को विकासखंड छिंदवाड़ा, मोहखेड़ एवं तामिया, 2 दिसंबर 2025 को विकासखंड बिछुआ, जुन्नारदेव एवं परासिया तथा 03 दिसंबर 2025 को विकासखंड चौरई, हर्रई एवं अमरवाड़ा के पशु चिकित्सक, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, मैत्री एवं गौ-सेवक को प्रशिक्षण दिया गया ।
प्रशिक्षण का उद्देश्य पशुपालकों को लाभ कैसे मिले और पशुपालकों को नवीनतम तकनीकों से परिचित कराना था। प्रशिक्षण में प्रमुख वक्ता के तौर पर उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार ने कहा कि “दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए सही जानकारी और तकनीकी सहायता की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम पशुपालकों को मजबूत बनाना चाहते हैं, ताकि वे अपने दुग्ध व्यवसाय को सहजता से चला सकें।” “दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के तहत हम पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिससे उनको लाभ मिले एवं आर्थिक स्थिति में सुधार हो ।”
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ.झाड़े, डॉ.श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी डॉ.छत्रपाल टांडेकर और अन्य मास्टर ट्रेनर डॉ.प्रियंका मर्सकोले, डॉ.लोकेश बेलवंशी, डॉ.जितेंद्र बघेल, डॉ.मयंक बघेल, डॉ.अंकित मेश्राम, डॉ.आर.एस.सिंह, डॉ.पूजा डेहरिया एवं डॉ.मयंक परवारी, मास्टर ट्रेनर एवं एव्हीएफओ, गौ-सेवक और मैत्री उपस्थित थे । इस दौरान पशुपालकों की समस्याओं पर चर्चा और समाधान प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण के प्रभावी फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया भी साझा की। प्रशिक्षणार्थियों ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से हमें नई जानकारी मिली है, यह कार्यक्रम पशुओं की नस्लों में सुधार लाने और पशुपालन को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान का यह द्वितीय चरण, पशुपालकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह न केवल उन्हें नवीनतम तकनीकों से परिचित करा रहा है, बल्कि उनके व्यवसाय को बनाने में भी मदद कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस अभियान का प्रभाव अस्वाभाविक और स्थायी होगा, जिससे क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि का आकलन किया जा सकेगा।
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