पोकरण में जीरे की उन्नत खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
14 नवंबर 2024, भोपाल: पोकरण में जीरे की उन्नत खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम – कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण पर सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय कालीकट केरल एवं राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र तबीजी अजमेर के सयुक्त तत्वाधान में जीरा उत्पादन की उन्नत कृषण क्रियाए एवं प्रथम पक्ति प्रदर्शन हेतु आदान वितरण विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दशरथ प्रसाद ने बताया की जीरे का क्षेत्रफल जैसलमेर जिले में लगातार बढ़ रहा है एवं जीरे के मसाला वाली फसलो में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होते हुए इसकी मार्केट कीमत में इजाफा होने से किसानो द्वारा रूची दिखाई जा रही है। राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ एस एस मीणा ने जीरे में लगाने प्रमुख रोग जैसे झुलसा, उकटा, जड़ गलन, छाछिया पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए रोग प्रबंधन करके किसान अपनी फसल लागत को कम करने की बात कही। वैज्ञानिक डॉ मुरलीधर मीणा ने बताया कि राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र से विकसित जीरे की उन्नत किस्मो, तकनीकी उत्पादन बढ़ोतरी, मृदा स्वास्थ्य, जीरे का क्षेत्रफल, उगाने वाले प्रमुख जिले पर प्रकाश डाला। सस्य वैज्ञानिक डॉ कृष्ण गोपाल व्यास ने जीरे में खरपतवार प्रबंधन पर चर्चा कर किसानो की जिज्ञासाओं का समाधान किया। केन्द्र पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने देशी खाद, वर्मी कम्पोस्ट, फसल अवशेष, गहरी जुताई, फसल चक्र का महत्व आदि पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम में सुनील शर्मा ने जीरे की मार्केटिंग एवं पैकेजिंग के अवसरों का लाभ उठाकर कृषक अपनी आमदनी में इजाफा करने की बात कही । इस अवसर पर चयनित प्रगतिशील किसान दीपा राम, गोपाल सिंह, गायड राम, देऊ राम इत्यादि को जीरा बीज एवं अन्य आदानो का प्रथम पक्ति प्रदर्शन के तौर पर वितरण किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों का आभार ज्ञापित किया।
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