एमपी में सोयाबीन की फसल की है ये स्थिति है अभी, खरपतवारों पर नियंत्रण करने की सलाह
18 जुलाई 2025, भोपाल: एमपी में सोयाबीन की फसल की है ये स्थिति है अभी, खरपतवारों पर नियंत्रण करने की सलाह – मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल के लिए किसानों ने मेहनत की है और इसका ही यह परिणाम है कि अधिकांश जिलों में ये फसल 12 से 15 दिनों की हो गई है। इधर कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन उत्पादक किसानों से यह कहा है कि वे फसल की देखभाल अच्छे से करें वहीं खरपतवारों पर भी नियंत्रण करने के लिए आवश्यक उपाय करें।
वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि खरपतवार नियंत्रण के लिए कृषक समन्वित खरपतवार नियंत्रण पद्धति, फसल पद्धति, यांत्रिक विधि (कुल्पा व डोरा) व रासायनिक विधि का उपयोग करें। प्रमुख खरपतवार सकरी पत्ती के खरपतवार दूब, मोथा, सांवा व चौड़ी पत्ती के खरपतवार बोखना, दिवालिया, कनकौआ आदि हैं। खरपतवार नाशक का छिड़काव करते समय पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है। खरपतवार की 2-3 पत्ती अवस्था पर ही खरपतवारनाशकों का छिड़काव करें।
सावधानियां
- एक हेक्टेयर क्षेत्र में 500 से 600 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
- खरपतवार नाशक की अनुशंसित मात्रा का ही उपयोग करें।
- खरपतवारनाशक छिड़कते समय पलेट फैन नोजल का उपयोग करें।
- किसी भी दो खरपतवारनाशकों को एक साथ मिलाकर छिड़काव न करें।
- खरपतवारनाशकों का छिड़काव करते समय मुंह पर मास्क व हाथों में दस्ताने का उपयोग करें।
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