विदिशा में फसल कटाई के बाद नरवाई जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध, कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने जारी किया आदेश
13 अक्टूबर 2025, विदिशा: विदिशा में फसल कटाई के बाद नरवाई जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध, कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने जारी किया आदेश – मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अंशुल गुप्ता ने विदिशा जिले की भौगोलिक सीमाओं में फसल कटाई के उपरांत खेतों में नरवाई (पराली) जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के अंतर्गत पारित किया गया है और 10 अक्टूबर 2025 से प्रभावशील है।
कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि फसल कटाई के बाद भूमि स्वामियों द्वारा खेतों में डंठलों को जलाने से आग फैलने की घटनाएं होती हैं, जिससे मानव जीवन, पर्यावरण एवं सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर खतरा उत्पन्न होता है। खेत की मिट्टी में मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरकता घटती है और प्रदूषण में वृद्धि होती है।
वैकल्पिक उपाय
किसानों को वैकल्पिक उपाय अपनाने के निर्देश कृषि विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि किसानों के पास अब फसल अवशेषों को हटाने हेतु रोटावेटर, रीपर कम बाइंडर एवं स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। अतः खेत की सफाई हेतु आग लगाने की आवश्यकता नहीं है।
पर्यावरणीय मुआवजा एवं दंडात्मक प्रावधान
पर्यावरण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार नरवाई जलाने पर अर्थदंड का प्रावधान किया गया है, जिसके अनुसार 02 एकड़ से कम भूमि स्वामी पर 2 हजार 500 रुपए प्रति घटना पर जबकि 02 से 05 एकड़ भूमि स्वामी पर 5 हजार प्रति घटना पर और 05 एकड़ से अधिक भूमि स्वामी अधिक दर से अर्थदंड देय होगा।नरवाई जलाने पर यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है।
पूर्व में दी गई मुआवजा राशि
कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने बताया कि जिले में नरवाई जलाने से घटित घटनाओं के प्रभावितों को मुआवजा राशि प्रदाय की गई है तदानुसार वर्ष 2024 में आगजनी की घटनाओं से प्रभावित 31 किसानों को 8 लाख 14 हजार 14 रुपए तथा वर्ष 2025 में प्रभावित 104 किसानों को 29 लाख 44 हजार 242 रुपए की मुआवजा राशि प्रदान की गई है।
सुरक्षा हेतु अनिवार्य प्रावधान
कलेक्टर गुप्ता ने निर्देश दिए हैं कि फसल कटाई के दौरान हार्वेस्टर एवं रीपर मशीनों के आसपास पानी की टंकियां, पाइपलाइन और अग्निशामक यंत्र अनिवार्य रूप से रखे जाएं। साथ ही सभी हार्वेस्टर पर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाए और उनका पंजीयन तहसीलदार अथवा थाना स्तर पर कराया जाए।
आदेश के क्रियान्वयन के निर्देश
यह आदेश सर्वसाधारण के हित में पारित किया गया है और इसकी जानकारी सभी ग्राम पंचायतों, नगरपालिकाओं तथा पुलिस थानों में नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में इसकी घोषणा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से भी की जाएगी।सभी उपखंड मजिस्ट्रेट, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और कृषि विभाग के अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि किसान वैकल्पिक उपायों का उपयोग करें और आदेश का पालन करें।
कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने कहा कि नरवाई जलाना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि जनसुरक्षा और कृषि की उत्पादकता के लिए भी खतरा है। जिले में कानून व्यवस्था और जनहित की रक्षा के लिए यह प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जाएगा।
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