मध्यप्रदेश का सिंचाई रकबा अगले 5 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री डॉ. यादव की बड़ी घोषणा
08 जुलाई 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश का सिंचाई रकबा अगले 5 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री डॉ. यादव की बड़ी घोषणा – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को घोषणा की कि मध्यप्रदेश में अगले पांच वर्षों में सिंचाई का रकबा दोगुना किया जाएगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, जिससे प्रदेश के सिंचाई क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि वर्ष 2003 में प्रदेश की सिंचाई स्थिति अत्यंत खराब थी, लेकिन अब सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर हो गई है। वर्ष 2025-26 तक इसे 65 लाख हेक्टेयर और वर्ष 2028-29 तक 1 करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश में 133 बृहद एवं मध्यम प्रेशराइजड सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली आधारित परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर 48 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता संवर्धित होगी।
1900 गांवों में मिलेगी सिंचाई की सुविधा
केन-बेतवा लिंक परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये है, बुंदेलखंड क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए वरदान साबित होगी। परियोजना के पूरा होने पर प्रदेश के 10 जिलों के 1900 गांवों में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा के साथ 41 लाख की आबादी को पेयजल मिलेगा और 130 मेगावाट विद्युत उत्पादन भी होगा।
वर्ष 2024-25 के बजट में सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण एवं संधारण के लिए 13 हजार 596 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रमुख प्रावधानों में बांध तथा संलग्न कार्य के लिए 2860 करोड़, नहर तथा संबंधित निर्माण कार्य के लिए 1197 करोड़, कार्यपालिक स्थापना के लिए 1071 करोड़, लघु एवं लघुतम सिंचाई योजनाओं के लिए 631 करोड़, सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं का सौर ऊर्जीकरण के लिए 200 करोड़, केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के लिए 200 करोड़, बांध एवं नहरें के लिए 116 करोड़ तथा नहरें एवं तालाबों के लिए 110 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल हैं।
मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच हुए एमओयू के तहत पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना की सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों में 4 लाख हेक्टेयर नई सिंचाई क्षमता विकसित होगी और पेयजल एवं उद्योगों के लिए जल उपलब्ध होगा।
नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के द्वारा मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एमएएफ नर्मदा जल का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। नर्मदा घाटी की समस्त सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 28 लाख 41 हजार 111 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।
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