राज्य कृषि समाचार (State News)किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

Success Story: झाबुआ के युवा किसान ने 12वीं के बाद शुरू किया पशुपालन का कारोबार, अब हर महीने कमा रहा ₹70 हजार  

11 अक्टूबर 2025, भोपाल: Success Story: झाबुआ के युवा किसान ने 12वीं के बाद शुरू किया पशुपालन का कारोबार, अब हर महीने कमा रहा ₹70 हजार – मध्यप्रदेश झाबुआ जिले के कल्याणपुरा गाँव के 19 वर्षीय युवा पशुपालक श्री रुद्र चौहान ने अपनी मेहनत, लगन और दूरदर्शिता से एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दृढ़ संकल्प और सही योजना के साथ युवा किस तरह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

पिता के साए के बिना शुरू किया सफर

युवा किसान चौहान का जीवन प्रारंभ से ही चुनौतीपूर्ण रहा। मात्र 6 माह की आयु में उनके पिता का निधन हो गया था। हालांकि, उनके ताऊजी के सानिध्य और आशीर्वाद ने उनके जीवन को संतुलित और सुरक्षित बनाया। इसके बावजूद, जीवन की शुरुआती कठिनाइयों ने उन्हें और अधिक आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद यह महसूस हुआ कि परंपरागत कृषि के माध्यम से परिवार का जीवन स्तर सुधारना कठिन है। इस विचार ने उन्हें पशुपालन के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।

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सरकारी मदद से मिली सहायता

युवा किसान चौहान ने अपनी पहल के तहत चार दुधारू पशु और शेड का निर्माण कराया। पशुपालन के क्षेत्र में सफल होने की चाह में उन्होंने विस्तार की योजना बनाई। इसी दौरान, डॉ. अमित दोहरे के माध्यम से उन्हें आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के बारे में जानकारी मिली। इस योजना के तहत उन्हें फॉर्म बनाए जाने की लागत हेतु 8.40 लाख रुपये का ऋण एवं 1.50 लाख रुपये की सब्सिडी की सहायता प्राप्त हुई, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता और निवेश क्षमता बढ़ी।

दूध बेचकर कमा रहे हर माह 70 हजार रुपए

युवा किसान चौहान ने हरियाणा के हिसार से उच्च गुणवत्ता वाली मुर्रा भैंस खरीदी। आज उनके पास 10 भैंस, 2 गाय और 5 भैंस की बछियाँ हैं। इनके दूध से उन्हें प्रतिमाह लगभग 1.20 लाख रुपये की आय होती है, जबकि पशुपालन के अन्य खर्चों को घटाने के बाद उनकी शुद्ध आय लगभग 60 –70 हजार रुपये प्रति माह है।

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उनकी सफलता का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्होंने पशुपालन विभाग द्वारा प्रदान किए गए किसान क्रेडिट कार्ड और पशुधन बीमा का लाभ भी उठाया। इससे न केवल उनके व्यवसाय में सुरक्षा सुनिश्चित हुई, बल्कि उनकी आर्थिक योजनाओं में स्थायित्व और विकास की संभावनाएँ भी बढ़ीं।

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रुद्र चौहान का यह उदाहरण यह दर्शाता है कि युवा, सही मार्गदर्शन, सरकारी योजनाओं और अपनी मेहनत के माध्यम से न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन सकते हैं। उनका संघर्ष, योजना का सही उपयोग और सफलता की कहानी अन्य युवा किसानों और पशुपालकों के लिए एक प्रेरक संदेश है।

जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग की भूमिका

 रुद्र चौहान जैसी सफलता में जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। विभाग द्वारा प्रदान की गई योजनाएँ, मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहारा दिया। यह स्पष्ट करता है कि सरकार की योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठाकर युवा अपने जीवन को संवार सकते हैं और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं।

 रुद्र चौहान की यह कहानी झाबुआ जिले के अन्य युवा किसानों एवं पशुपालकों के लिए एक प्रेरणा है कि कठिनाइयाँ चाहे जैसी भी हों, सही मार्गदर्शन, साहस और योजना से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

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