State News (राज्य कृषि समाचार)

छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की बुआई शुरू

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27 जून 2022, रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की बुआई शुरू – राज्य में मानसून के आते ही खरीफ फसलों की बुआई शुरू हो गई है। कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार किसान बोता धान के अलावा दलहन-तिलहन और साग-सब्जी की बुआई करने लगे हैं। अब तक 26 हजार 190 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जिसमें धान 23,450 हेक्टेयर के अलावा अरहर, मूंगफली तथा साग-सब्जी एवं अन्य अनाज की फसलों की बुआई शामिल है।

राज्य में खरीफ सीजन 2022 में 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बुआई का लक्ष्य है, जिसमें 36 लाख 60 हजार 500 हेक्टेयर में धान, 3 लाख 14 हजार हेक्टेयर में मक्का, एक लाख 6 हजार हेक्टेयर में कोटो-कुटकी, 40 हजार हेक्टेयर में रागी की बुआई का लक्ष्य है। इसी तरह दलहन फसलों के अंतर्गत अरहर की एक लाख 70 हजार, मूंग की 33 हजार, उड़द की 2 लाख 10 हजार तथा कुल्थी की 35 हजार हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य रखा गया है। तिलहन फसलों के अंतर्गत मूंगफली, तिल, सोयाबिन, रामतिल, सूरजमुखी अरण्डी की बुआई 2 लाख 67 हजार 700 हेक्टेयर में किए जाने का लक्ष्य साग-सब्जी और अन्य फसलों की बुआई 2 लाख 83 हजार हेक्टेयर में किए जाने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 2700 हेक्टेयर में बोनी पूरी कर ली गई है।

खरीफ सीजन 2022 के लिए खाद एवं बीज की किसानों को आपूर्ति की व्यवस्था सहकारी समितियों के माध्यम से की गई है। खरीफ की विभिन्न फसलों के बीज की कुल मांग 10.05 लाख क्विंटल के विरूद्ध अब तक 5.68 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण तथा 2.62 लाख क्विंटल बीज का उठाव किसानों द्वारा कर लिया गया है, जो भण्डारण का 46 प्रतिशत है। खरीफ में 13 लाख 70 हजार मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक के वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 9.13 लाख मेट्रिक टन खाद का भण्डारण सहकारी तथा निजी क्षेत्रों में करने के साथ ही 4.98 लाख मेट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है।

धान की प्रचलित किस्मों का रकबा 5 लाख हेक्टेयर कम करने विशेष अभियान

खरीफ 2022 में धान के बदले अन्य फसलों के क्षेत्राच्छान को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इस साल 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की प्रचलित किस्मों के स्थान पर धान की विशेष किस्मों यथा सुगंधित धान, जिंक धान एवं जैविक धान तथा अन्य फसलों जैसे-मक्का, कोटो-कुटकी, रागी, अरहर, उड़द, मूंग, तिल, रामतिल, सोयाबिन एवं गन्ना को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

इस विशेष कार्यक्रम के तहत अब तक राज्य के 3 लाख 21 हजार किसानों द्वारा एक लाख 70 हजार हेक्टेयर रकबे में धान के बदले अन्य फसल लेने की सहमति दी गई है। सहमत किसानों में से 10,847 किसानों द्वारा लगभग 8,762 हेक्टेयर में क्षेत्र में गन्ना एवं अन्य उद्यानिकी फसलों की बोनी की गई है।

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