मृदा परीक्षण से दोगुना हुआ फसल उत्पादन, किसान मानसिंह भील को मृदा स्वास्थ्य कार्ड से मिला बेहतरीन लाभ
06 दिसंबर 2025, भोपाल: मृदा परीक्षण से दोगुना हुआ फसल उत्पादन, किसान मानसिंह भील को मृदा स्वास्थ्य कार्ड से मिला बेहतरीन लाभ – मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के लटेरी तहसील के ग्राम रायपुरा के किसान मानसिंह भील ने मृदा परीक्षण और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए अपनी खेती में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। पहले, वह गेंहू की फसल के लिए घर में उपलब्ध बीज का उपयोग करते थे, जिसके कारण उनकी फसल का उत्पादन बहुत कम हो रहा था और खेती की लागत भी अधिक थी। हालांकि, कृषि विभाग से जुड़ने के बाद, उनके खेत का मृदा परीक्षण किया गया, जिससे उन्होंने अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में महत्वपूर्ण सुधार किया।
मृदा परीक्षण और स्वास्थ्य कार्ड से मिली मदद
पिछले वर्ष कृषि विस्तार अधिकारी सुनील परमार द्वारा किसान मानसिंह भील के खेत का मृदा परीक्षण किया गया। इस परीक्षण में पाया गया कि उनके खेत की मिट्टी में जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, जिंक और सल्फर की कमी थी। इसके बाद, किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया गया, जिसमें फसल के हिसाब से उर्वरकों की अनुशंसा की गई थी।
उर्वरकों के सही उपयोग से फसल में हुआ सुधार
किसान मानसिंह भील ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई अनुशंसा के अनुसार गेंहू की फसल में उर्वरकों का सही अनुपात में प्रयोग किया और समय-समय पर अपने खेत का निरीक्षण किया। इस प्रयास के परिणामस्वरूप, उनकी गेंहू की फसल का उत्पादन काफी बढ़ गया।
फसल उत्पादन में दोगुनी वृद्धि
पहले, वह हर बीघा से 7-8 क्विंटल गेंहू प्राप्त कर रहे थे, लेकिन मृदा परीक्षण के बाद उनकी फसल का उत्पादन अब 12-14 क्विंटल प्रति बीघा हो गया है। केवल उत्पादन में ही नहीं, बल्कि गेंहू के बीज की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
किसान मानसिंह भील का कहना है, “मुझे पहले कभी नहीं लगता था कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड और उर्वरकों की सही मात्रा से इतना फर्क पड़ेगा। अब मैं अपने खेत से पहले से कहीं अधिक आय प्राप्त कर रहा हूं।”
यह उदाहरण यह साबित करता है कि यदि किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए सही जानकारी प्राप्त करें और अनुशंसित उर्वरकों का उपयोग करें, तो वे न केवल अपनी खेती की लागत घटा सकते हैं बल्कि फसल के उत्पादन में भी वृद्धि कर सकते हैं।
कृषि विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका
कृषि विभाग के अधिकारी सुनील परमार ने बताया कि मृदा परीक्षण से किसानों को न केवल फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है, बल्कि यह कृषि लागत को भी कम करता है, जिससे किसान आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। उन्होंने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग करने और नियमित रूप से खेतों का निरीक्षण करने की सलाह दी।
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