खरीफ बीजों में धांधली
कपास बीज के कम अंकुरण और सोयाबीन बीज बिना बिल बेचने की शिकायत
( दिलीप दसौंधी , मंडलेश्वर )
19 जून 2021, मंडलेश्वर। खरीफ बीजों में धांधली – खरीफ का सीजन लगते ही हर साल किसान दुकानदार से मनमानी कीमत पर कृषि आदान सामग्री खरीदने के बाद भी धोखे का शिकार हो जाते हैं। कहीं अमानक सामग्री बेची जाती है तो कहीं पक्का बिल नहीं दिया जाता है। बिना बिल के खरीदी गई सामग्री पर कोई क्लेम भी नहीं मिलता। इन्हीं दो बिंदुओं पर पीड़ित किसान नेता ने कलेक्टर खरगोन को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
खरगोन जिले की सेगांव तहसील के ग्राम डेहरी (लोनारा ) के किसान और भारतीय किसान यूनियन के जिला संरक्षक श्री नटवर पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि उन्होंने गुजरात की कंपनी के कोहिनूर 555 ब्रांड कपास का बीज गत दो तीन सालों में अच्छा उत्पादन देने से इस साल दस एकड़ में 22 पैकेट लगाए , किन्तु अंकुरण 50 -60 % ही हुआ। इससे उन्हें प्रति एकड़ तीन क्विंटल उत्पादन कम होने की आशंका है। कहली जगह में पुनः कपास बीज लगाने लागत खर्च और बढ़ गया। इसी ब्रांड का कपास बीज यहीं के निवासी अन्य किसान श्री बाबूलाल पिता गोकुल ने दो पैकेट और श्री राहुल पिता नानूराम ने तीन पैकेट खरीदकर लगाए। इनके यहां भी अंकुरण कम हुआ। कम्पनी के अधिकारियों के अलावा कृषि अनुसन्धान केंद्र खरगोन के वैज्ञानिक श्री जैन और एसएडीओ खरगोन श्री भाबर ने निरीक्षण किया और अंकुरण को कम पाया। रिपोर्ट अभी नहीं मिली है।
श्री नटवर ने कृषि आदान विक्रेताओं द्वारा कृषि सामग्री बेचने में की जा रही धांधलियों को उजागर करने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किया।कई दुकानों पर सम्पर्क किया । अंततः भंडारी कृषि सेवा केंद्र के संचालक श्याम भंडारी ने बिना बिल के सोयाबीन बीज बेचना स्वीकार किया, जिसे कैमरे में कैद कर लिया गया। इस प्रमाण के आधार पर श्री एम एल चौहान ,कृषि उप संचालक एवं बीज अनुज्ञापन अधिकारी , खरगोन ने भंडारी कृषि सेवा केंद्र का बीज लायसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। श्री पाटीदार ने कलेक्टर खरगोन को सौंपे ज्ञापन में डीलरों/दुकानदारों द्वारा बेचे गए बीज की सूची अनुसार भौतिक सत्यापन कर मुआवजा दिलाने , अमानक बीज पाए जाने पर कोहिनूर 555 की बिक्री जिले में प्रतिबंधित करने और बिना बिल सामग्री बेचने वालों की जाँच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।