मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलों की मार से गेहूं, चना, सरसों की तैयार फसल प्रभावित
20 मार्च 2023, भोपाल: मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलों की मार से गेहूं, चना, सरसों की तैयार फसल प्रभावित – मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज बारिश-आंधी और ओलावृष्टि हो रही है। प्रदेश के लगभग हर जिले में बेर के आकार के ओले गिरे हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग, बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में जमकर ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई,मंदसौर, डिंडौरी, खरगोन, रायसेन, आगर-मालवा, शिवपुरी, ग्वालियर के घाटीगांव में तो कश्मीर जैसा नजारा दिखा। यहां ऐसी ओलावृष्टि हुई कि सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई।इससे खेतों में खड़ी गेहूं, चना और सरसों फसलें प्रभावित हो गईं।बेमौसम बारिश और ओलों की मार गेहूं, चना, सरसों की तैयार फसल पर पड़ी। ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रशासन ने शुरुआती सर्वे में 60 से 85% नुकसान का अनुमान जताया है।
भिंड के रौन ब्लॉक में बादल आफत बनकर बरसे। यहां तेज बारिश के साथ ओले गिरे। इससे किसानों की फसल चौपट हो गई। ये हालत रौन के मछंड कस्बे के इंदुर्खी समेत अन्य गांव के हैं। यहां खेतों में पकी फसल को बेमौसम बारिश ने चौपट कर दिया। जिन खेतों में किसानों ने फसल काटकर रखी थी। वह फसल बारिश के कारण पानी में डूब गई।
डिंडौरी में जमकर ओलावृष्टि हुई। यहां बजाग करंजिया क्षेत्र में आंधी-तूफान के साथ बारिश हुई। यहां गोरखपुर और गिरवरपुर गांव में सड़क, खेत पर सड़क पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। गोरखपुर गांव के किसान दीपक तेकाम का कहना है कि चने की फसल खेत में पकी हुई है। मजदूर लगाकर कटाई करने ही वाले थे। गेहूं की फसल भी पकने वाली है। ओले और बारिश से फसल बर्बाद हो गई।
श्योपुर जिले की बीरपुर तहसील में रविवार शाम बारिश के साथ बेर के आकार के ओले गिरे। इससे खेतों में खड़ी गेहूं और चने की फसल बर्बाद हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान श्यामपुर कस्बे के आसपास के खेतों में हुआ है। यहां दोपहर में 15 मिनट तक ओलावृष्टि से जमीन पर बर्फ की चादर बिछ गई। किसानों का कहना है कि अनाज के साथ मवेशियों को भूसे की भी किल्लत होगी। रविवार को बीरपुर, बड़ागांव, श्यारदा, पांचो, नितनवांस, दिमरछा, जाखेर, गोहर, घूघस, नदीगांव, श्यामपुर, जमूर्दी से लेकर दर्जनभर से ज्यादा ग्राम पंचायतों के 20 से ज्यादा गांवों के किसानों को नुकसान हुआ है।रीवा में बेमौसम बारिश और ओले गिरने से खेतों में खड़ी गेहूं, चना, मसूर, सरसों व राई की फसल को नुकसान पहुंचा है।
आगर मालवा जिले में बारिश के साथ ओले गिरने से किसानों की चिंता फिर बढ़ गई है। दिन भर मौसम बदला-बदला सा रहा। आसमान में काले घने बादल छाए रहे। शाम को जिले में कहीं तेज तो कहीं रिमझिम बारिश हुई। आगर के ग्राम पालड़ा, पिपलोन, सुल्तान पुरा सहित कई जगह ओलावृष्टि हुई।
विदिशा जिले के सिरोंज क्षेत्र में रविवार को जमकर ओले गिरे। शाम को यहां झमाझम बारिश हुई। पथरिया व आसपास हल्के ओले गिरे, जबकि गुना रोड पर रतन बर्री, भगवंत पुर, मलिया खेड़ी, राय खेड़ी में करीब 15 मिनट तक बेर के आकार के ओलावृष्टि गिरे। मौसम के इस बदलाव से फसलों को नुकसान हुआ है।
सिवनी जिला मुख्यालय समेत आसपास क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई। लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में भी तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। वहीं, मौसम का मिजाज अभी भी बदला हुआ है। जिले के कई जगह कहीं कम तो कहीं ज्यादा बारिश हुई। इससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
मार्च में दो बार ऐसी स्थिति बनी है। ऐसे में सरकार फसलों का सर्वे भी करा रही है। मार्च के पहले ही सप्ताह में 25 से ज्यादा जिलों में फसलें तबाह हो गई थी, तब भी सरकार ने सर्वे कराकर मुआवजा देने की बात कही थी। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पिछले एक सप्ताह से बिगड़े सिस्टम की वजह से गेहूं, चने और सरसों की फसलों पर असर पड़ा है।
अब तक इन जिलों में बदला मौसम
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, विदिशा, रायसेन, झाबुआ, मंदसौर, रतलाम, नीमच, बैतूल, राजगढ़, सागर, सतना, छतरपुर, दमोह, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, उज्जैन, देवास, शाजापुर, सीहोर, बालाघाट, बुरहानपुर, भिंड, शिवपुरी, खंडवा, हरदा, मुरैना, धार, डिंडोरी, सिवनी, आगर, नरसिंहपुर, रीवा समेत कई जिलों में बारिश हुई है।
महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (18 मार्च 2023 के अनुसार)
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