राजस्थान के किसानों को मिलेगा वैल्यू चेन का लाभ, एआई से खेती होगी स्मार्ट
29 जुलाई 2025, भोपाल: राजस्थान के किसानों को मिलेगा वैल्यू चेन का लाभ, एआई से खेती होगी स्मार्ट – राजस्थान के जिला कलेक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में सोमवार को जिले में उद्यानिकी क्षेत्र में वैल्यू चेन विकास तथा कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रभावी उपयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य कृषि एवं उद्यानिकी के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करना एवं क्षेत्रीय कृषि प्रणाली को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना रहा।
प्रसंस्करण और निर्यात में संभावनाएं, किसानों को मिलेगा अनुदान
जिला कलक्टर आलोक रंजन ने बैठक में कहा कि फलों एवं सब्जियों के क्षेत्र में कोल्ड चेन, प्रसंस्करण, पैकिंग, स्टोरेज एवं निर्यात की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कटाई उपरांत होने वाली हानियों को रोकने, उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने एवं उनके मूल्य संवर्धन के लिए वैल्यू चेन विकास आवश्यक है। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न इकाइयों की स्थापना पर 35 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कई योजनाओं को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत फार्म गेट पैक हाउस, इंटीग्रेटेड पैक हाउस, कलेक्शन सेंटर, प्री-कूलिंग यूनिट, कोल्ड रूम, स्टोरेज स्ट्रक्चर, प्रोसेसिंग यूनिट, सोलर ड्रायर आदि योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
साथ ही, सहकारी मॉडल के माध्यम से किसान उत्पादक समूहों (FPOs) को संगठित कर क्लस्टर आधारित विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
कृषि में एआई के प्रयोग से बढ़ेगी उत्पादकता
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक ने कहा कि कृषि क्षेत्र में एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का प्रयोग जल, उर्वरक, कीटनाशकों के समुचित उपयोग, फसल की स्थिति के पूर्वानुमान, और खेतों के डेटा विश्लेषण में अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकता है।
इससे फसल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार किया जा सकता है।
स्मार्ट उपकरणों से कम होगी लागत, बढ़ेगी आमदनी
उन्होंने कहा कि एआई संचालित उपकरण किसानों को बुवाई,
सिंचाई, कीट नियंत्रण एवं कटाई के कार्यों में मार्गदर्शन देकर लागत में कमी और उत्पादकता में वृद्धि कर सकते हैं।
बैठक में अनेक अधिकारी, विशेषज्ञ और किसान प्रतिनिधि हुए शामिल
बैठक में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार जागा, उद्यान विभाग के उप निदेशक डॉ. शंकर लाल जाट, कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. रतन लाल सोलंकी, नाबार्ड के डीडीएम महेन्द्र बुड़ी, सहकारिता विभाग के संजय शर्मा, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक पारस हांक, उद्योग विभाग से गोहित सिंह, राजीविका के डीपीएम डॉ. रमेशचंद्र धाकड़, कृषि अनुसंधान अधिकारी रमेश आगेटा, ईफको के क्षेत्र प्रबंधक मुकेश कुमार, एवं जिले के अनेक एफपीओ प्रतिनिधि एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
सोयाबीन प्रोसेसिंग यूनिट पर चर्चा
बैठक में सोयाबीन प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने हेतु डीपीआर तैयार करने, समय-समय पर समीक्षात्मक बैठकें आयोजित करने, एवं कृषकों को उद्यानिकी योजनाओं से अधिकाधिक लाभान्वित करने हेतु निर्देश प्रदान किए गए।
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