राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान: मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर जैविक और नैनो उर्वरकों के उपयोग पर जोर

14 अक्टूबर 2024, अजमेर: राजस्थान: मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर जैविक और नैनो उर्वरकों के उपयोग पर जोर – किसानों को अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार जैविक और संतुलित उर्वरकों का अधिकतम उपयोग करने की सलाह दी गई है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री शंकर लाल मीणा ने किसानों से रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से बचने और प्राकृतिक विकल्पों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है।

जैविक और संतुलित उर्वरकों के उपयोग की सलाह

उन्होंने बताया कि नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम (NPK) का सही अनुपात 4:2:1 में बनाए रखने के लिए डीएपी की जगह एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) और एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरकों के विभिन्न ग्रेड जैसे 12:32:16, 19:19:19 और 15:15:15 का उपयोग करना चाहिए।

पीएम प्रमाण योजना को अपनाने का सुझाव

भारत सरकार द्वारा उर्वरकों पर सब्सिडी के वित्तीय भार को कम करने और भूमि की उर्वरता में सुधार के लिए शुरू की गई पीएम प्रमाण  (प्रोग्राम फॉर रीस्टोरेशन, अवेयरनेस, न्यूरिशमेंट एण्ड अमेलिओरेशन ऑफ मदर अर्थ) योजना के पालन पर जोर दिया गया। किसानों को गोबर खाद, कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट और अन्य कार्बनिक खादों का अधिक उपयोग करने की सलाह दी गई है।

नैनो यूरिया और नैनो डीएपी से उत्पादन बढ़ाने की पहल

श्री मीणा ने कहा कि उर्वरकों की लागत कम करने और पैदावार बढ़ाने के लिए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे न्यू-एज तरल उर्वरकों का इस्तेमाल लाभकारी साबित हो सकता है। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार अपनी मिट्टी की आवश्यकताओं के अनुरूप ही उर्वरकों का चयन करने का सुझाव दिया गया है।

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