राजस्थान कृषि आयुक्त ने मॉडल फार्मिंग का किया निरीक्षण, खेतों में जाकर प्राकृतिक-जैविक फसलों का लिया जायजा
26 जुलाई 2025, भोपाल: राजस्थान कृषि आयुक्त ने मॉडल फार्मिंग का किया निरीक्षण, खेतों में जाकर प्राकृतिक-जैविक फसलों का लिया जायजा – प्रदेश में उन्नत कृषि तकनीकों के विस्तार, नवाचारों को बढ़ावा देने और प्रगतिशील किसानों की प्रेरणादायक पहल का प्रत्यक्ष अवलोकन करने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य के कृषि एवं उद्यानिकी आयुक्त चिन्मय गोपाल ने चित्तौड़गढ़ जिले के विभिन्न कृषकों के खेतों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने आधुनिक तकनीकों से की जा रही खेती, विविध फसलों के संयोजन और कृषि आधारित इकाइयों का गहन निरीक्षण किया और संबंधित किसानों की सराहना की।
सीताफल की 12 किस्में, पॉलीहाउस और वर्मी कम्पोस्ट इकाई का अवलोकन
आयुक्त ने अपने दौरे की शुरुआत ग्राम जयसिंहपुरा निवासी प्रगतिशील कृषक नंदलाल धाकड़ के फार्म से की। यहां उन्होंने सीताफल के बगीचे की 12 विभिन्न किस्मों का निरीक्षण किया। किसान ने सीताफल की उन्नत प्रजातियों के परीक्षण और उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने फार्म में बने पॉलीहाउस में उगाए जा रहे बंगाली पान, नर्सरी, वर्मी कम्पोस्ट इकाई और गोबर गैस संयंत्र का निरीक्षण किया।
श्री गोपाल ने नंदलाल जी से उनकी बहुआयामी कृषि प्रणाली की जानकारी ली और उनकी प्रशंसा करते हुए निर्देश दिए कि ऐसे नवाचारों को अन्य किसानों तक पहुंचाया जाए ताकि वे भी तकनीकी रूप से समृद्ध और आत्मनिर्भर बन सकें।
जैविक खेती और विविध फसलों का मॉडल फार्मिंग अवलोकन
आयुक्त श्री गोपाल ने बाद में कनेरा क्षेत्र के ग्राम श्रीपूरा में प्रगतिशील कृषक श्री नेमीचंद धाकड़ के फार्म का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने सीताफल, आम, अमरूद के बगीचे, सफेद मूसली की खेती, स्ट्रॉबेरी नर्सरी, धनिया और टमाटर की जैविक खेती को देखा। उन्होंने नर्सरी के रखरखाव, जल प्रबंधन और उत्पादन विधियों की जानकारी लेकर इसे एक आदर्श मॉडल फार्म बताया।
उन्होंने नेमीचंद जी की जैविक और मिश्रित खेती के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि ऐसे किसान प्रदेश में आधुनिक, लाभकारी और पर्यावरण-संवेदनशील खेती की मिसाल हैं। इनके प्रयास अन्य किसानों को नई दिशा दे सकते हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ दौरा
निरीक्षण के दौरान कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इनमें श्री इंद्र कुमार संचेती (अतिरिक्त निदेशक), श्री दिनेश कुमार जागा (संयुक्त निदेशक), श्री महेश चंद्र चेजारा (संयुक्त निदेशक, उद्यान), डॉ. शंकरलाल जाट (उपनिदेशक, उद्यान), श्री प्रेमचंद वर्मा (परियोजना निदेशक, आत्मा), डॉ. राजेन्द्र कुमार सामोता (उपनिदेशक योजना), श्रीमती लक्ष्मी कुवंर राठौड़ (उपनिदेशक), श्री रमेशचंद्र आमेंटा (कृषि अनुसंधान अधिकारी), श्री अंशु चौधरी एवं श्रीमती सुनीता डीडवानिया (सहायक निदेशक), श्री गोपाललाल शर्मा (कृषि अधिकारी) प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे।
नवाचारों को प्रोत्साहित करने पर जोर
निरीक्षण के समापन पर आयुक्त श्री गोपाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे प्रगतिशील फार्मों के दर्शन भ्रमण कार्यक्रम अन्य किसानों के लिए भी आयोजित किए जाएं। इससे मॉडल फार्मिंग, जैविक उत्पादन, फसल विविधीकरण और संसाधनों के स्मार्ट उपयोग की जानकारी ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र को नवाचार आधारित उद्योग का रूप देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जिसमें प्रगतिशील किसानों की भूमिका बेहद अहम है।
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