प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया दुग्ध चूर्ण संयंत्र का वर्चुअल लोकार्पण
पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री श्री पटेल ने मांगल्या प्लांट का किया निरीक्षण
13 अक्टूबर 2025, इंदौर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया दुग्ध चूर्ण संयंत्र का वर्चुअल लोकार्पण – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कृषि विज्ञान परिसर नई दिल्ली से वर्चुअली इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के 30 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के पाउडर प्लांट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान नई दिल्ली में उपस्थित थे ।
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा नई दिल्ली से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया गया। एआईएफ के अंतर्गत 1068 परियोजनाएं, पशुपालन क्षेत्र के अंतर्गत 18 परियोजनाएं, मत्स्य पालन क्षेत्र के अंतर्गत 09 परियोजनाएं, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अंतर्गत 16 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। पशुपालन क्षेत्र के अंतर्गत 01 परियोजना, मत्स्य पालन क्षेत्र के अंतर्गत 07 परियोजनाएं, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के अंतर्गत 01 परियोजना का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा वर्चुअली लोकार्पित किए गए 30 एमटी दुग्ध चूर्ण संयंत्र का प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्य मंत्री श्री लखन पटेल ने प्लांट स्थल मांगल्या पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्लांट का फीता काटकर शुभारम्भ भी किया। साथ ही उन्होंने नवीन संयंत्र का संचालन करने वाली टीम व संबंधित अधिकारियों से संवाद किया। श्री पटेल ने विभाग के प्रबंध संचालक से दुग्ध संघ के संबंधित विषयों पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।
76.50 करोड़ की लागत से निर्मित नवीन दुग्ध चूर्ण संयत्– भारत सरकार की नेशनल प्रोग्राम फार डेयरी डेवलपमेंट योजना के घटक व सहकारी समितियों के माध्यम से डेयरी” के अंतर्गत “दूध पाउडर प्लांट” परियोजना की कुल लागत 76.50 रूपए करोड़ है। जिसमे रू 29.50 करोड़ एनडीडीबी के माध्यम से एनपीडीडी कॉम्पोनेन्ट बी, डीटीसी जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी, भारत सरकार की योजना के द्वारा सहायता प्रदान की गई तथा शेत्र राशि इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के स्वयं के स्त्रोत से की गई है। संयंत्र की स्थापना का कार्य भारत सरकार की कंपनी मेसर्स हिंदुस्तान मशीन टूल्स से कराया गया। इस संयंत्र के माध्यम से होल मिल्क पाउडर, स्किम मिल्क पाउडर तथा डेयरी व्हाइटनर इत्यादि निर्मित किए जाएंगे।
स्काडा स्वचलित आधुनिक संयंत्र – यह दूध पाउडर संयंत्र, स्काडा (प्लांट पर्यवेकीय, नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) स्वचलित है। यह कंप्यूटर आधारित प्रणाली है जिसका उपयोग औद्योगिक उपकरणों और प्रक्रियाओं की निगरानी करने, डेटा एकत्र करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जिसमें प्रतिदिन 03 लाख लीटर दूध से लगभग 30 मीट्रिक टन प्रतिदिवस दुग्ध चूर्ण का निर्माण किया जाएगा । फ्लश सीजन में प्रतिदिन अतिशेष रहने वाले दूध का पूर्ण उपयोग किया जायेगा। इससे अधिक से अधिक मात्रा में किसानों से दूध क्रय किया जायेगा तथा अतिशेष दूध का निस्तारण किया जायेगा। जिससे दुग्ध उत्पादक किसानों की आय में वृद्धि होगी।
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