PM Fasal Bima Yojana: एमपी के किसान 31 जुलाई तक जरूर कराएं बीमा, नहीं तो रह जाएंगे बाहर
28 जुलाई 2025, भोपाल: PM Fasal Bima Yojana: एमपी के किसान 31 जुलाई तक जरूर कराएं बीमा, नहीं तो रह जाएंगे बाहर – मध्यप्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। खरीफ 2025 में फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप या अन्य जोखिमों से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ उठाने का आखिरी मौका है। इस योजना में बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 तय की गई है।
इस योजना के अंतर्गत ऋणी (loan लेने वाले) और अऋणी (बिना ऋण वाले) दोनों ही प्रकार के किसान बीमा कवर का लाभ ले सकते हैं।
बीमा कराने के तरीके:
1. ऋणी किसान संबंधित बैंक/समिति के माध्यम से
2. अऋणी किसान अपने नजदीकी CSC सेंटर, PACS या बीमा एजेंट के माध्यम से
जिले में अधिसूचित खरीफ फसलें और बीमा प्रीमियम राशि
फसल का नाम | बीमा प्रीमियम राशि (₹ प्रति हेक्टेयर) |
धान (सिंचित) | ₹1020 |
धान (असिंचित) | ₹684.60 |
सोयाबीन | ₹727 |
मक्का | ₹590 |
तुअर | ₹714 |
उड़द | ₹461 |
इन फसलों को जिले में अधिसूचित किया गया है। उड़द को जिला स्तर पर तथा अन्य सभी को पटवारी हल्का स्तर पर अधिसूचित किया गया है।
जरूरी चेतावनी- गैर अधिसूचित फसलों से बचें
किसानों को यह ध्यान रखना जरूरी है कि उनका बैंक बीमा प्रीमियम केवल अधिसूचित फसलों के लिए ही काटे। यदि किसी गैर अधिसूचित फसल के लिए प्रीमियम काटा गया हो तो तुरंत बैंक से संपर्क कर सुधार कराएं।
अऋणी कृषकों के लिए आवश्यक दस्तावेज
1. आधार कार्ड (अनिवार्य)
2. मोबाइल नंबर
3. फसल बीमा प्रस्ताव फार्म
4. भू-अधिकार पुस्तिका
5. बोनी प्रमाण पत्र
6. वैध पहचान पत्र: वोटर ID, पैन कार्ड, राशन कार्ड, समग्र ID, ड्राइविंग लाइसेंस आदि
क्यों जरूरी है बीमा?
राज्य में अक्सर बारिश, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप, सूखा आदि आपदाओं से फसलों को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में फसल बीमा योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान करती है। बीमा न कराने पर नुकसान की भरपाई का कोई वैकल्पिक माध्यम नहीं रहता।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: