राज्य कृषि समाचार (State News)

कपास पंजीयन में पांढुर्ना तहसील पिछड़ी- 300 तक भी नहीं पहुंचा आंकड़ा,अंतिम तिथि 31 अक्टूबर

30 अक्टूबर 2025, (उमेश खोड़े, कृषक जगत, पांढुर्ना): कपास पंजीयन में पांढुर्ना तहसील पिछड़ी- 300 तक भी नहीं पहुंचा आंकड़ा  ,अंतिम तिथि 31 अक्टूबर – भारतीय कपास निगम ( सीसीआई ) द्वारा चालू  खरीफ सत्र में किसानों से समर्थन मूल्य पर कपास  खरीदी के लिए मोबाइल पर कपास किसान एप डाऊनलोड कर निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से पंजीयन की व्यवस्था की गई है। लेकिन पांढुर्ना  तहसील  के कई किसानों के पास साधारण मोबाइल होने और इस बारे में अज्ञानता के कारण पांढुर्ना तहसील  कपास पंजीयन में पिछड़ रही  है। हालांकि ऑनलाइन केंद्रों पर जाकर  सशुल्क पंजीयन कराया जा सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पांढुर्ना  तहसील  में दो दिन पूर्व तक मात्र 236 कपास उत्पादक किसानों ने पंजीयन कराया है । पंजीयन में किसानों के समक्ष सर्वर डाउन की समस्या भी आ रही है, जबकि पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित है।

इस संबंध में पांढुर्ना / सौसर के सीसीआई केंद्र प्रभारी श्री के एल बघेल ने कृषक जगत को बताया कि सीसीआई द्वारा इस खरीफ सत्र में कपास किसान मोबाइल एप के माध्यम से पंजीयन की व्यवस्था की गई है। जिसमें किसान स्वयं भी पंजीयन कर सकता है। दो चरणों की इस प्रक्रिया में पहले चरण में  किसान के आधार कार्ड और फोटो अपलोड की जाती है , जबकि दूसरे चरण में गिरदावरी , खसरा बी 2  की नकल और पावती को अपलोड किया जाता है। यह प्रक्रिया सफल होने पर किसानों को एक कोड दिया जाता है।  जिसके माध्यम से खरीदी और भुगतान किया  जाएगा । यह प्रक्रिया सरल है , लेकिन क्षेत्र के  जो  किसान स्वयं पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं ,  वे ऑनलाइन केंद्र पर जाकर सशुल्क पंजीयन करा सकते हैं। दो दिन पूर्व तक पांढुर्ना  तहसील  में मात्र 236 कपास उत्पादक किसानों ने पंजीयन कराया है ,जबकि सौंसर तहसील में 1300 किसानों ने कपास का पंजीयन कराया है। पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित है। श्री बघेल ने जानकारी दी कि सीसीआई द्वारा राज्य शासन से प्राप्त वर्ष 2024 -25 ( अंतिम अनुमान ) में  7  जिलों  के  क्षेत्रच्छादन एवं उत्पादकता के आंकड़े जारी किए हैं , जिसमें  पांढुर्ना जिले की उत्पादकता 7. 4  क्विंटल / एकड़ दर्शाई है , जबकि धार 6. 3 , आलीराजपुर 5. 4 ,खरगोन 5. 7 ,बड़वानी 7. 9  , खंडवा 7.0 और बुरहानपुर 7. 3  क्विंटल / एकड़ बताई गई है।  इस उत्पादकता के आधार पर ही किसानों से कपास की खरीदी की जाएगी।

दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जिस तरह सोसायटियों में सोयाबीन फसल के पंजीयन किए गए , उसी तरह कपास पंजीयन के लिए भी सीसीआई ने कोई व्यवस्था  करना  थी। पंजीयन की अंतिम तिथि की तारीख  भी बढ़ाई जानी चाहिए , क्योंकि  क्षेत्र के कई किसानों द्वारा साधारण फोन का इस्तेमाल करने और  प्रक्रिया नहीं समझ पाने के कारण वे कपास का पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं। सर्वर डाउन की भी समस्या है । पांढुर्ना ब्लॉक की कृषि विस्तार अधिकारी शिवानी उइके ने बताया कि आज भी कई किसान कपास पंजीयन के लिए आए थे , लेकिन सर्वर डाउन होने से कई किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया।

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