जैविक खेती विशेषज्ञ – श्री दुबे सम्मानित
नैनगवां (कटनी)। विश्व हिन्दू परिषद के गौरक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जैविक खेती, जैविक कृषि उत्पादों के प्रमाणीकरण, विक्रय एवं गौ पालन पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। गौमूत्र, गोबर के जैविक खेती में जैविक खाद एवं कीटनाशक बनाने एवं फसलों में उपयोग के तरीके बतलाए गए। जीरो बजट खेती, अकौआ, धतूरा, नीमपत्ती, बेशरम, सीताफल, करंज की पत्तियों का कीटनाशक बनाने की विधि, गौमूत्र एकत्रित करने का तरीका बताया गया। रसायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाईयों के प्रयोग से भूमि, फसल एवं मानव स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम पर चर्चा की गई। जैविक अपनाकर कम लागत से अधिक उत्पादन प्राप्त करने की समझाइश दी गई।
कार्यक्रम में जैविक खेती को गति प्रदान करने एवं उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सेवानिवृत्त ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं जैविक कृषि पाठशाला नैगवां का संचालन, कृषकों को प्रशिक्षण तथा नि:शुल्क सेवाएं देने के लिए श्री रामसुख दुबे को सम्मानित किया गया। कार्यशाला में देश के प्रत्येक प्रांत से काफी संख्या में प्रतिनिधि उपस्थित थे।