दुग्ध उत्पादन किसानों के लिए आय का अच्छा जरिया, शुरू करने में सरकार करेगी हर संभव मदद: रायसेन कलेक्टर
14 नवंबर 2025, भोपाल: दुग्ध उत्पादन किसानों के लिए आय का अच्छा जरिया, शुरू करने में सरकार करेगी हर संभव मदद: रायसेन कलेक्टर – मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा द्वारा बुधवार को औबेदुल्लागंज क्षेत्र के ग्राम नानाखेड़ी का भ्रमण किया गया। उन्होंने स्व-सहायता समूहों की महिलाओं, पशुपालकों के साथ बैठक कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने हेतु पशुओं की संख्या बढ़ाने, उनके चारा-पानी तथा अन्य ग्रामीणों को भी पशुपालन अपनाने के संबंध में चर्चा की। कलेक्टर श्री विश्वकर्मा ने स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से कहा कि अभी लगभग सभी के पास एक या दो गाय-भैंस है, कुछ के पास ज्यादा भी हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालन आय का अच्छा जरिया बन सकता है। इसमें शासन स्तर से हर संभव मदद की जाएगी।
कलेक्टर विश्वकर्मा ने संवाद के दौरान कहा कि शासन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के उद्देश्य से दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पशुपालन के लिए इच्छुक महिलाओं, ग्रामीणा कों डेयरी एवं पशुपालन विभाग की योजनाओं का लाभ देकर कम ब्याज दर ऋण स्वीकृत कराते हुए उन्नत किस्म के दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे।
साथ ही जो यह कार्य पहले से कर रहे हैं, उन्हें कार्य के विस्तार हेतु भी सहायता दी जाएगी। बैठक में डेयरी एवं पशुपालन विभाग के उप संचालक द्वारा विभागीय योजनाओं के बारे में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं तथा ग्रामीणों को विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर एसडीएम, आजीविका मिशन सहित संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने पशुपालकों के यहां भ्रमण कर देखी व्यवस्थाएं
कलेक्टर विश्वकर्मा ने ग्राम नानाखेड़ी में स्व-सहायता समूहों तथा ग्रामीणों से संवाद के उपरांत पशुपालकों के यहां भ्रमण कर व्यवस्थाएं देखीं। उन्होंने पशुपालकों से वर्तमान में पशुओं की संख्या, उनके आहार, दुग्ध उत्पादन की मात्रा आदि की जानकारी लेते हुए कहा कि संतुलित एवं पौष्टिक आहार ही स्वस्थ पशुधन का आधार है।
पशुपालक अपने पशुओं को समय-समय पर टीकाकरण अवश्य कराएं और चारे में संतुलित पोषण सामग्री जैसे मिनरल मिक्सचर एवं हरा चारा सम्मिलित करें। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में साइलेज का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि साइलेज भूसे से कहीं अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट एवं सस्ता विकल्प है। यह पशुओं के पाचन के लिए भी अत्यंत लाभदायक है। उन्होंने पशुपालन विभाग के उप संचालक को निर्देशित किया कि स्व-सहायता समूहों तथा ग्रामीणों को उन्नत नस्लों के चयन, पौष्टिक आहार निर्माण एवं पशु स्वास्थ्य प्रबंधन की जानकारी दी जाए।
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