राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: अतिक्रमण से मुक्त जमीन पर महिलाओं ने बनाई “हरी बगिया पोषण वाटिका”

30 सितम्बर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: अतिक्रमण से मुक्त जमीन पर महिलाओं ने बनाई “हरी बगिया पोषण वाटिका” – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम “मन की बात” में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की महिलाओं द्वारा किए गए अद्वितीय कार्यों की सराहना की। छतरपुर जिले के ग्राम पंचायत खौप की 10 महिलाओं ने प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण से मुक्त कराई गई 2 हेक्टेयर बंजर जमीन को फ्रूट फॉरेस्ट में तब्दील कर दिया, जिसमें 2300 फलदार पौधे लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने इन साहसी महिलाओं के इस प्रयास की तारीफ करते हुए इसे देशभर में जल-संरक्षण और हरित पहल के लिए प्रेरणादायक बताया।

कैसे तैयार हुई “हरी बगिया पोषण वाटिका”

यह अनूठा प्रोजेक्ट नीति आयोग के डीसल्टिंग प्रोग्राम के तहत 2022 में शुरू हुआ था, जिसमें चंदेलकालीन तालाब से निकाली गई मिट्टी का उपयोग पौधरोपण में किया गया। मनरेगा योजना के तहत महिलाओं ने प्रशासन की मदद से पौधरोपण कर ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की। इस पूरे कार्य की जिम्मेदारी स्व-सहायता समूह की 10 महिलाओं ने उठाई, जिनमें कौशल्या रजक और पार्वती रजक प्रमुख हैं।

Advertisement
Advertisement

इस फॉरेस्ट में उगाई गई सब्जियों का उपयोग ग्राम की माध्यमिक शाला के मध्यान्ह भोजन में किया जा रहा है, जिससे बच्चों को पोषण भी मिल रहा है। इसके अलावा, सब्जियों की बिक्री से इन महिलाओं की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है।

शारदा स्व-सहायता समूह” के फिश पार्लर को भी मिली सराहना

प्रधानमंत्री मोदी ने डिंडौरी जिले के शारदा स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित फिश पार्लर का भी उल्लेख किया। वर्ष 2014 में समूह को रयपुरा जलाशय का पट्टा 10 साल के लिए मिला, और तब से ये महिलाएं मछली पालन और बिक्री कर रही हैं। इस साल गणतंत्र दिवस पर शुरू हुए दीदी फिश पार्लर से इन महिलाओं की आय में वृद्धि हुई है।

Advertisement8
Advertisement

समूह की अध्यक्ष शारदा धुर्वे और सचिव सुमन धूमकेती ने बताया कि मछली पालन से उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी है और वे अब सम्मानित जीवन जी रही हैं। जलाशय में रोहू, कतला जैसी मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है, जिनका प्रसंस्करण कर फिश पार्लर में बेचा जाता है।

Advertisement8
Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी महिलाओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह उदाहरण सामुदायिक प्रयासों और आत्मनिर्भरता का एक प्रेरणास्पद मॉडल है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement