भोपाल, इंदौर सहित मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में हल्की वर्षा की संभावना, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
06 अक्टूबर 2025, भोपाल: भोपाल, इंदौर सहित मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में हल्की वर्षा की संभावना, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी – पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मौसम ने अलग-अलग रंग दिखाए। भारतीय मौसम भोपाल के अनुसार, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर संभागों के कुछ जिलों में कहीं-कहीं बारिश दर्ज की गई, जबकि नर्मदापुरम, उज्जैन और सागर संभागों के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। जबलपुर संभाग में कई स्थानों पर बारिश देखी गई, और रीवा व शहडोल संभागों के अधिकांश हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई। इसके विपरीत, राज्य के शेष संभागों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहा।
वर्षा के आंकड़े
पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के कई स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। सबसे अधिक बारिश चुरहट में 132.0 मिमी दर्ज की गई, इसके बाद इंदौर में 114.6 मिमी, देपालपुर में 110.8 मिमी, सिंगरौली में 110.2 मिमी और हातोद में 84.0 मिमी बारिश हुई। अन्य प्रमुख स्थानों में चौरई (74.0 मिमी), मांडा (72.2 मिमी), नईगढ़ी (72.0 मिमी), गौतमपुरा (70.6 मिमी), और सीधी (68.2 मिमी) शामिल हैं। इसके अलावा, रीवा शहर और सिरमौर में 40.0 मिमी, सतना में 27.0 मिमी, जबलपुर में 19.8 मिमी, और उज्जैन में 10.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। कुछ स्थानों जैसे मंदसौर, नीमच और डबरा में हल्की बारिश (3.0 मिमी) देखी गई। यह बारिश मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता को दर्शाती है।
मौसमी परिस्थितियां
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा वर्तमान में 20° उत्तरी अक्षांश और 69° पूर्वी देशांतर से होकर वेरावल, भुज, उज्जैन, झांसी, शाहजहांपुर और 30° उत्तरी अक्षांश/81° पूर्वी देशांतर तक फैली हुई है। इसके साथ ही, पश्चिमी झारखंड, दक्षिण बिहार, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ के आसपास एक सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र बना हुआ है, जिसके साथ मध्य समुद्र तल से 5.8 किमी ऊंचाई पर चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। यह निम्न दबाव क्षेत्र अगले 12 घंटों में उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बिहार की दिशा में बढ़ सकता है और धीरे-धीरे कमजोर होकर कम दबाव क्षेत्र में बदल सकता है।
इसके अलावा, उत्तरी-पश्चिमी और संलग्न पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर एक भीषण चक्रवाती तूफान “शहजाद” सक्रिय है, जो 22° उत्तरी अक्षांश और 64.5° पूर्वी देशांतर के पास मौजूद है। यह तूफान पोरबंदर से 470 किमी पश्चिम, नलिया से 470 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, कराची (पाकिस्तान) से 420 किमी दक्षिण-पश्चिम और मसराह (ओमान) से 600 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह तूफान 5 अक्टूबर तक पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और इसके बाद 6 अक्टूबर की सुबह से पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ेगा, जिसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है। एक अन्य मौसमी प्रणाली के तौर पर, मध्य समुद्र तल से 1.5 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर एक ट्रफ पूर्वी बिहार से पश्चिमी झारखंड, दक्षिण बिहार, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ तक फैली हुई है। इसके साथ ही, एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य वायुमंडलीय पश्चिमी हवाओं में 29° उत्तरी अक्षांश और 73° पूर्वी देशांतर पर सक्रिय है। 5 अक्टूबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित कर सकता है।
मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में झंझावत और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर और पांढुर्णा जिलों में कहीं-कहीं आंधी-तूफान और बिजली गिरने की संभावना है।
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