प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ
केवीके पोकरण में हुआ लाइव टेलीकास्ट, किसानों में उत्साह
13 अक्टूबर 2025, पोकरण: प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को 42 हजार करोड़ रुपये की कृषि परियोजनाओं सहित प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), पोकरण में कार्यक्रम का सजीव प्रसारण आयोजित किया गया, जिसमें गोमट, रामदेवरा, एका, थाट, बिलिया और केलावा सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में किसान और महिला कृषक शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महन्त प्रतापपुरी, विधायक पोकरण ने कहा कि प्रधानमंत्री की ये योजनाएँ सीमांत जिलों के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। उन्होंने किसानों से खेती और पशुपालन में नई तकनीक एवं नवाचार अपनाने, थारपारकर और गिर नस्ल की गायों के संवर्धन तथा दुग्ध उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचकर आय बढ़ाने का आह्वान किया।
केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दशरथ प्रसाद ने बताया कि इन योजनाओं के तहत जैसलमेर जिले को विशेष रूप से चयनित किया गया है। इनसे किसानों को अनुदान, नवाचार और आधुनिक तकनीकों का लाभ मिलेगा, जिससे उत्पादकता और आमदनी दोनों में वृद्धि होगी।
काजरी, जैसलमेर के अध्यक्ष डॉ. आर. एस. मेहता ने रबी फसलों जैसे जीरा और इसबगोल में कीट एवं रोग प्रबंधन पर प्रकाश डालते हुए जलवायु अनुकूल किस्मों और प्राकृतिक खेती को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) बनाकर अपनी फसलों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम में डॉ. के. जी. व्यास, डॉ. सुनील कुमार शर्मा, डॉ. राम निवास, डॉ. सुगन चांद मीणा, डॉ. शिरीन, डॉ. अनिल पाटीदार सहित काजरी और केवीके के वैज्ञानिकों तथा प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture