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लाड़ली बहना योजना: सरकार और शिवराज के लिये संजीवनी

16 दिसम्बर 2023, भोपाल(मधुकर पवार): लाड़ली बहना योजना: सरकार और शिवराज के लिये संजीवनी – इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे कह रहे हैं कि मैं मांगने दिल्ली नहीं जाऊंगा। मांगने से तो अच्छा हैं मर जाना पसंद करूंगा। इस वक्तव्य का सीधा अर्थ तो यही लगाया जा सकता है कि जो उम्मीद उन्होने आलाकमान से लगा रखी थी, वह पूरी नहीं हुई और उन्हें ऐसा लग रहा है कि उन्हें राजनीति की मंझधार में छोड़ दिया है और वे भंवर में बुरी तरह फंस गये हैं जिससे बचकर निकलना मुश्किल है। यह बेहद निराशा में दिया गया बयान लगता है। हालाकि यह भी सत्य है कि आलाकमान ने चुनाव के पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी थी कि वे मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं हैं तब भला वे क्यों व्यर्थ ही क्यों आस लगा बैठे? हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे को नई जिम्मेदारी दी जायेगी।

जहां तक निराशा से भरे वक्तव्य का सवाल है, उन्हें महसूस हो रहा है कि उनकी महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना के तहत की गई घोषणा, जिसमें 1250 रूपये को बढ़ाकर 3000 रूपये करने का उन्होंने वचन दिया है, वह शायद नव नियुक्त मुख्यमंत्री पूरा नहीं करेंगे। यह समझने के लिये काफी है कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इस सम्बंध में अभी तक खुलकर इस सम्बंध में कुछ भी नहीं कहा है, केवल यही कि जो योजनायें चल रही हैं वे सभी चलती रहेंगी।

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मध्यप्रदेश की वित्तीय हालत किसी से छुपी नहीं है। ऐसी माली आर्थिक स्थिति में चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में किये गये वादों को पूरा करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। तब लाड़ली योजना के तहत 1250 रूपये को 3000 हजार रूपये करना सरकार के लिये निश्चित ही सिरदर्द साबित होने वाला है। चूंकि शिवराज सिंह चौहान चुनाव प्रचार के दौरान बार –बार इसका उल्लेख करते रहे और पार्टी के स्तर पर प्रिंट, इलेक्ट्रानिक व सोशल मीडिया पर विज्ञापन जारी कर आश्वस्त किया गया था कि भाजपा की सरकार इस वादे को पूरा करेगी। हालाकि पार्टी के घोषणा पत्र में इसका उल्लेख नहीं है इसलिये डा. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार यह कहकर मुकर सकती है कि वे घोषणा पत्र में किये गये वादों को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। ऐसी स्थिति में शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा पर आंच जरूर आयेगी। विपक्षी दल कांग्रेस भी भाजपा पर दबाव बनायेगी कि सरकार वादा पूरा करे। यदि नहीं करते तो आगामी लोकसभा में कांग्रेस वादा खिलाफी का मुद्दा बनाकर महिला मतदाताओं में पैठ जमाने की कोशिश जरूर करेगी।

फिलहाल भारतीय जनता पार्टी आलाकमान द्वारा शिवराज सिंह चौहान को क्या जिम्मेदारी दी जायेगी, केवल यही संकेत दिया है कि इस मुद्दे पर पार्टी विचार कर रही है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री चौहान के वक्तव्य ने उनकी मंशा जाहिर कर दी है। हालाकि बाद में उनका एक और वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वे कह रहे हैं कि एक साधारण कार्यकर्ता को पार्टी ने 18 साल तक मुख्यमंत्री बनाकर रखा, यह मेरे लिये गर्व की बात है। पहले और बाद में दिये गये बयान से यही महसूस हो रहा है कि उन्होने परिस्थितियों से समझौता तो कर लिया है लेकिन लाड़ली बहना योजना की राशि को बढ़ाने के वादा को पूरा नहीं होने की टीस उनके मन में जरूर रहेगी।

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आगामी अप्रैल – मई में लोकसभा के चुनाव होंगे। उम्मीद है कि भाजपा सरकार अपने पहले सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने रखेगी। जिसमें घोषणा पत्र में किये गये वादों पर अमल करना भी शामिल रहेगा। लेकिन शिवराज सिंह चौहान जब आम मतदाताओं के सामने भाजपा के पक्ष में वोट मांगने जायेंगे तब वे क्या उनसे आंख मिलकर बात कर सकेंगे? यदि सरकार लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों को हर महीने 1250 रूपये उनके बैंक खाते में नियमित रूप से हस्तांतरित करती है तो थोड़ी स्थिति अनुकूल हो सकती है। इसलिये सरकार की भी मजबूरी है कि आर्थिक हालात बेहतर नहीं होने के बावजूद भी लाड़ली बहना योजना को चालू रखना पड़ेगा। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में भी लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर महतारी वंदन योजना शुरू करने का वादा किया है। इसलिये उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना योजना चलती रहेगी।

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एक यह भी उम्मीद है कि लाड़ली बहना योजना को अभी यथारूप ही चालू रखा जायेगा। जहां तक राशि बढ़ाने का प्रश्न है… सरकार यह कहकर पल्ला झाड़ लेगी कि यह वादा तो शिवराज सिंह चौहान ने किया था। इसलिये यही अहसान है कि योजना को बंद नहीं कर राशि दी जा रही है। शिवराज सिंह चौहान भी सुकून महसूस कर सकते हैं कि उनके द्वारा शुरू की गई योजना चल तो रही है। भले ही राशि में इजाफा नहीं हुआ। और लाभार्थी महिलाएं भी संतोष करेंगी कि चलो कुछ तो मिल रहा है। उनका लाड़ला भाई मुख्यमंत्री रहता तो निश्चित ही 3000 रूपये जरूर हर महीने मिलते। इस योजना को यथारूप रखने से तीनो की स्थिति असहज होने से बच रही है। सरकार, शिवराज सिंह चौहान और लाड़ली बहनें, तीनों के लिये लाड़ली बहना योजना का चालू रहना जरूरी है। अन्यथा इसका परिणाम लोकसभा के चुनाव में थोड़ा असर तो डालेगा ही। यह बात भारतीय जनता पार्टी आलाकमान भी समझता होगा।

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