राज्य कृषि समाचार (State News)किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

किसान हित नर्सरी: यथा नाम तथा गुण

07 मार्च 2025, (दिलीप  दसौंधी, मंडलेश्वर): किसान हित नर्सरी: यथा नाम तथा गुण – कहते हैं मंज़िल की तरफ बढ़ा एक -एक कदम धीरे -धीरे मंज़िल पर पहुंचा ही देता है। ऐसा ही कुछ मालवा क्षेत्र के दो युवाओं श्री राहुल और श्री दीपक की सफलता की यह कहानी प्रेरणादायक है।  कृषि स्नातक के बाद तीन साल नौकरी भी की, लेकिन किसानों के लिए कुछ विशेष पहल करने के उद्देश्य से नौकरी छोड़ी और खरगोन जिले में 2021 में किसान हित नर्सरी की स्थापना की।गत चार वर्षों में किसानों का अच्छा प्रतिसाद मिलने से अभी न केवल 4 अन्य स्थानों पर नर्सरी का संचालन हो रहा है ,बल्कि करीब 100 मजदूरों को रोज़गार भी उपलब्ध करा रहे हैं।

किसानों के हित में कुछ करने की कसक – सामान्य कृषि परिवार में जन्मे दो युवा श्री राहुल पाटीदार (30 वर्ष)  निवासी तराना जिला उज्जैन और श्री दीपक नागर (29 वर्ष) निवासी देवास ने कृषक जगत को विस्तृत चर्चा में बताया कि इन दोनों के पिता आज भी गांव में रहकर खेती किसानी करते हैं। ज़िंदगी के सपनों को साकार करने के लिए दोनों ने साथ -साथ शुअट्स डीम्ड विश्व विद्यालय  नैनी प्रयागराज से कृषि स्नातक की डिग्री हासिल की और कई कार्यशालाओं में पैथोलॉजी, कीट विज्ञान, नीम सूत्र विज्ञान, अनुवांशिकी, ग्राफ्टिंग प्रूरनिंग,मधुमक्खी पालन आदि विषयों का ज्ञान अर्जित किया और फिर स्वदेशी नर्सरी सेगमेंट में कार्य करने वाली कंपनी ‘वी एन आर ‘ लि में  इजरायल बेस्ड सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ श्री राहुल को फ्रूट और वेजिटेबल ग्राफ्टिंग और श्री दीपक को न्यू टेक्नोलॉजी इन्वेंशन पर तीन वर्ष नौकरी की ,लेकिन किसानों के हित में और भी कुछ करने की कसक बनी रही। यही सोच रही कि किसानों को हम उच्च गुणवत्ता वाला रोपे रेडी करके कैसे दे सकते हैं और किसानों की खेती को हम और कैसे बेहतर बना सकते हैं ?

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टांडा -बरुड़ को बनाया कर्म भूमि – इन दोनों युवाओं ने अन्ततः अपने विचारों को फलीभूत करने के लिए कोराना काल में बाजार का अध्ययन किया और नौकरी छोड़ कर वहां से हुई आय को जन्म भूमि से दूर जिले खरगोन के ग्राम टांडा बरुड़ को अपनी कर्म भूमि बनाते हुए यहाँ के किसान श्री अनिल वर्मा के खेत पर स्थित एक एकड़ के स्ट्रक्चर नेट हाउस को किराए पर लेकर किसानों की सेवा के उद्देश्य से किसान हित नर्सरी 1 जनवरी 2021 को स्थापित की गई।  इनके  सतत प्रयासों ओर किसानों के आशीर्वाद से  निरंतर  प्रगति के मार्ग पर  चलते हुए  खरगोन  जिले में  अलग अलग 4 जगहों पर  इनके द्वारा नर्सरी का कार्य संचालित किया जा रहा है , जिसमें  करीब 100 मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध हो  रहा है । किसान हित नर्सरी के  श्रेष्ठ कार्यों  का  मूल्यांकन करते   हुए जिला प्रशासन खरगोन द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर इन्हें कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया था।

नर्सरी तैयार करने के विशेष  मानक – इनकी नर्सरी में किसानों के हित को अपना लक्ष्य मानते हुए नर्सरी को तैयार करने के कुछ विशेष  मानक बनाए गए हैं , जिनमें उच्च गुणवत्ता युक्त कोकोपिट एवं ट्रे का उपयोग, पौधे की फिजियोलॉजी के अनुसार ट्रे का निर्माण, नर्सरी में सिंचाई हेतु इजरायल बेस्ड टेक्नोलॉजी युक्त सिंचाई यंत्रों का उपयोग शामिल है।  इसके अलावा  वी एन आर कंपनी की एक विशेष रेसिपी का लाभ भी मध्यप्रदेश के किसानों को इनके पौधों में देखने को मिलेगा।  विगत 4 वर्षों  में किसान हित नर्सरी के रोगमुक्त पौधों से मध्यप्रदेश के 5 हज़ार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं । मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान ,गुजरात एवं महाराष्ट्र तक के किसानों में इनके पौधों की लगातार मांग बनी हुई है। इनके द्वारा  किसानों को यथा समय कार्यशाला आयोजित कर खेती संबंधी जानकारी देकर उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण भी किया जाता है।  किसान हित नर्सरी अपने नाम को सार्थक करते हुए निरंतर सफलता की ओर अग्रसर है।  

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