खरीफ 2025-26: सिकमी, बटाईदार व वन पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सत्यापन 12 दिसंबर तक पूर्ण करने के निर्देश
02 दिसंबर 2025, भोपाल: खरीफ 2025-26: सिकमी, बटाईदार व वन पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सत्यापन 12 दिसंबर तक पूर्ण करने के निर्देश – खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मोटा अनाज उपार्जन हेतु पंजीकृत किसानों के सत्यापन के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए गए। तदानुसार उक्त कार्य 12 दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मोटा अनाज उपार्जन के लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन हेतु जारी निर्देश की कंडिका 6 के अनुसार सिकमी, बटाईदार, वन पट्टाधारी किसानों के पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों पर करने की व्यवस्था की गई थी, जिसमें अनुबंध सिकमीनामा की प्रति पोर्टल पर अपलोड करने तथा पंजीकृत किसान की भूमि एवं फसल का सत्यापन राजस्व विभाग के अमले द्वारा किए जाने का प्रावधान किया गया है। जिलेवार पंजीकृत किसानों की जानकारी जारी की गई है।
कतिपय जिलों में सिकमी, बटाईदार, वन पट्टाधारी किसान पंजीयन हेतु निर्धारित अनुबंध पोर्टल पर अपलोड किया जाना नही पाये जाने से किसान पंजीयन संदेहास्पद होने की संभावना है, अतएव सिकमी, बटाईदार, वन पट्टाधारी पट्टाधारी श्रेणी अंतर्गत पंजीकृत किसानों का सत्यापन की कार्यवाही निम्नानुसार की जाए।
सिकमी, बटाईदार, वन पट्टाधारी के सत्यापन हेतु पंजीयन केन्द्रवार खाद्य, सहकारिता, राजस्व विभाग के अमले का संयुक्त जांच दल गठित किया जाए। सिकमी, बटाईदार, वन पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया गया है, पंजीयन केन्द्रों पर सिकमी, बटाईदार, वन पट्टाधारी किसानों द्वारा प्रस्तुत अनुबंध, दस्तावेज की सत्यता की जांच की जाए। पंजीयन केन्द्र पर उपलब्ध दस्तावेजों में तथा ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानके रकबे एवं फसल का मिलान पोर्टल पर अपलोड अनुबंध से किया जाए।
मूल भूमि धारक द्वारा सिकमी एवं बटाई पर भूमि देने की पुष्टि किसान से की जाए। वन पट्टाधारी किसानों की पुष्टि वन विभाग से की जाए। सत्यापन दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर पाई गई स्थिति का अनुमोदन कलेक्टर से प्राप्त कर ई-उपार्जन पोर्टल पर डीएसओ लॉगिन से प्रविष्टि की जाएगी, जिसके आधार पर किसानों द्वारा स्लॉट बुकिंग की जा सकेगी।
सत्यापन की कार्यवाही 12 दिसम्बर तक पूर्ण कर ली जाए के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। किसानों द्वारा प्रस्तुत अनुबंध ध् दस्तावेज की सत्यता की जांच की जाए। पंजीयन केन्द्र पर उपलब्ध दस्तावेजों में तथा ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानके रकबे एवं फसल का मिलान पोर्टल पर अपलोड अनुबंध से किया जाए।मूल भूमि धारक द्वारा सिकमी एवं बटाई पर भूमि देने की पुष्टि किसान से की जाए।वन पट्टाधारी किसानों की पुष्टि वन विभाग से की जाए।सत्यापन दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर पाई गई स्थिति का अनुमोदन कलेक्टर से प्राप्त कर ई-उपार्जन पोर्टल पर डीएसओ लॉगिन से प्रविष्टि की जाएगी, जिसके आधार पर किसानों द्वारा स्लॉट बुकिंग की जा सकेगी।
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