किसानों के हित में प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री की जुगलबंदी
20 अगस्त 2024, भोपाल: किसानों के हित में प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री की जुगलबंदी – प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब से केंद्र में राष्ट्रीय जनतात्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार ने बागडोर संभाली है सरकार ने किसानों के हित में अनेक निर्णय लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी है कि सरकार किसानों के हितों को अनदेखा नहीं करेगी। सरकार ने सत्ता की बागडोर संभालते ही सबसे पहला बड़ा फैसला किसानों के हित में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि को आठ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खाते में डी.बी.टी. के जरिए हस्तांतरित करने का लिया। कुछ दिन बाद ही खरीफ की अधिसूचित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में समुचित वृद्धि की है। पिछले महीने ही आम बजट में भी कृषि और इससे सम्बद्ध क्षेत्रों के लिये 1.52 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। इससे उम्मीद है कि किसानों के लिये चलाई जाने वाली योजनाओं के कार्यावयन में धनराशि की कोई कमी नहीं आयेगी। हाल ही में सम्पत्र बजट सत्र के दौरान कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में पूछे गये सवालों का जिस आत्मविश्वास से जवाब दिया उससे यह उम्मीद बंधी है कि वे किसानों के हितों के लिये पूरी तरह सजग होकर अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को सम्बोधित करते हुये कृषि भूमि में रासायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग करने से जमीन की सेहत खराब होने और इससे उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का जिक्र किया तो उम्मीद बंधी करने में भारत सक्षम भी है। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में भी वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भी प्राकृक्तिक खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों की जानकारी देते हुये दो वर्षों के दौरान देश के एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जागा।
भारत की अध्यक्षता में पिछले वर्ष जी-20 की करीब 200 बैठकें देश के विभिन्न शहरों में आयोजित की गई थीं। इन बैठकों के माध्यम से मोटे अनाजों के व्यंजन के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर इनसे स्वास्थ्य को होने वाले लाभों के बारे में भी बताया गया। इससे यह आशा बंधी है कि देश से मिलेट्स के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने हाल ही में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की तर्ज पर ‘किसानों की बात’ कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में कृषि और इससे सम्बद्ध सभी विषयों के बारे में विस्तार से बातें साझा की जायेंगी। किसानों की बात कार्यक्रम से निश्चित ही किसानों और सरकार के बीच दूरी कम होगी जिसका अंततः किसानों का ही फायदा होगा। श्री चौहान ने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली का भी शुभारम्भ किया है। इस प्रणाली के जरिये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये फसल की फोटो को देखकर यह पता लगाया जा सकेगा कि फसल कौन से कीट से प्रभावित हुई है। स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को सम्बोधित करते हुये प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गांवों में उच्च गति से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधायें, किसानों के बच्चों को पढ़ने के लिए स्मार्ट स्कूल और रोजगार उपलब्ध कराने पर भी बल दिया। श्री मोदी ने लघु और सीमांत किसानों की व्यवहारिक समस्याओं को समझाते हुए कहा कि कम रकबा होने से किसानों के परिवार का जीना बड़ा मुश्किल हो रहा है। उन्होंने किसानों के बच्चों के लिए रोजगार और कौशल के लिये प्रयास करने की बात कही है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी और केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह किसानों के सर्वांगीण विकास के लिये अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है, उससे यह आशा बलवती हो रही है कि सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही निर्णय लेगी और जिन योजनाओं की घोषणा की है, उनका ईमानदारी क्रियान्वयन करेगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी और कृषि मंत्री श्री चौहान की जुगलबंदी से निश्चित ही किसानों का सर्वांगीण विकास होगा।
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