राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में पशुपालन डिप्लोमा संस्थान खोलना अब होगा आसान, नई पॉलिसी-2025 जल्द होगी लागू

04 जुलाई 2025, जयपुर: राजस्थान में पशुपालन डिप्लोमा संस्थान खोलना अब होगा आसान, नई पॉलिसी-2025 जल्द होगी लागू – राजस्थान में दो वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों की स्थापना अब और भी सरल हो जाएगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर गठित मंत्री मंडलीय उप समिति ने “पशुपालन डिप्लोमा संस्थान की स्थापना/संचालन हेतु नीति-2022” में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत संशोधित पॉलिसी-2025 लागू की जाएगी, जिससे निजी क्षेत्र में संस्थान खोलने की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी हो जाएगी।

नीति में होंगे ये अहम बदलाव

उप समिति के संयोजक एवं पशुपालन, गोपालन, देवस्थान एवं डेयरी विभाग के केबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में सात महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। इसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा और गृह एवं मत्स्य राज्यमंत्री श्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कुछ जरूरी संशोधनों के सुझाव दिए, जिन पर समिति के सभी सदस्यों की सहमति बनी। अब यह प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को भेजा गया है।

Advertisement
Advertisement

बैठक में यह तय किया गया कि, नए संस्थानों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी जाएगी। संस्थान के नाम, भूमि की न्यूनतम आवश्यकता, पंजीकरण शुल्क, निरीक्षण शुल्क, सीसीटीवी कैमरे और बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली की अनिवार्यता जैसे पहलुओं में संशोधन किया जाएगा। साथ ही निजी विश्वविद्यालयों द्वारा संस्थान खोलने हेतु एनओसी के प्रावधान भी सरल किए जाएंगे। इसके अलावा, संस्थानों में सीट संख्या बढ़ाने को लेकर नीति को अधिक लचीला बनाया जाएगा।

वर्तमान में 81 संस्थान कर रहे संचालन

मंत्री श्री कुमावत ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर से संबद्ध 81 संस्थान दो वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं। इनमें से जोधपुर, उदयपुर, कोटा और जयपुर में कुल चार संस्थान राजकीय हैं, जबकि शेष निजी क्षेत्र में संचालित हैं। इन संस्थानों से हर वर्ष करीब 5000 से अधिक पैरा-वेट्स (Para-Vets) प्रशिक्षण प्राप्त कर पशुपालन के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं।

Advertisement8
Advertisement

अब राज्य में पशुपालन सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए अधिक संस्थानों की जरूरत महसूस की जा रही है। इसी कारण नीति-2022 में संशोधन कर नई पॉलिसी-2025 लागू की जा रही है, जिससे योग्य संस्थाओं को इस क्षेत्र में निवेश का अवसर मिलेगा और युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्राप्त करने का बेहतर मंच मिलेगा।

Advertisement8
Advertisement

बैठक में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की उप सचिव श्रीमती संतोष करोल, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

Advertisements
Advertisement3
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement