राज्य कृषि समाचार (State News)

झाबुआ में धान उपार्जन एवं मिलिंग के संबंध में जांच दल गठित

03 अप्रैल 2025, झाबुआ: झाबुआ में धान उपार्जन एवं मिलिंग के संबंध में जांच दल गठित –  प्रमुख सचिव म.प्र. शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय म.प्र. भोपाल के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन तथा जिले में उपार्जन केंद्रों से प्रदाय धान के सत्यापन/जांच हेतु दिशा-निर्देश जारी किये है। कलेक्टर नेहा मीना के आदेश द्वारा दिए गए निर्देशों के परिपालन में जांच हेतु आदेश जारी किये गए है धान उपार्जन एवं मिलिंग के संबंध में जिले में निम्नानुसार जांच दल गठित किया गया है। जिसमें अपर कलेक्टर, उपायुक्त सहकारिता, जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला प्रबंधक डब्ल्यूएलसी  एवं जिला प्रबंधक एमपीएससीएससी जिला झाबुआ शामिल है।

गठित दल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान में से गोदामों में से पूर्ण धान जमा न होने एवं मिलर्स द्वारा उपार्जन केन्द्र से सीधे धान उठाव हेतु सीएसएमएस (CSMS) पोर्टल पर धान परिवहन में छोटे सीमित लोडिंग क्षमता के वाहनों का उपयोग, लंबी दूरी के गंतव्य के लिए वाहन द्वारा एक-दो दिन में कई फेरे लगाना, पोर्टल पर दर्ज वाहन अन्य राज्यों में कार्यरत पाया जाना, मिलिंग, सी.एम.आर. जमा में अनियमितता जैसी अनियमितता प्रकरण प्रकाश में आई है, उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन एवं मिलिंग हेतु धान परिवहन के संबंध में निम्न बिंदुओं पर जांच कराये जाने के निर्देश दिए गए है। धान उपार्जन मात्रा अनुसार गोदाम में जमा न होना, उपार्जन केन्द्र से मिलर्स द्वारा उठाई गई धान की अफरा-तफरी करना उक्त अधिकारी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये गए है तथा जांच के बिंदुओं में उपार्जित धान मात्रा, धान परिवहन मात्रा, धान जमा मात्रा, धान कमी मात्रा, मिलर्स को भुगतान की स्थिति, मिलरवार धान प्रदाय मात्रा, मिलरवार धान उठाव मात्रा, मिलरवार सीएमआर जमा मात्रा की जांच करेंगे।

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इसके साथ ही यह भी आदेशित किया गया है कि जांच के दौरान जिला प्रबंधक, म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा मिलर्स को धान के नये डिलेवरी ऑर्डर जारी नहीं किये जायेंगे, जांच उपरांत जो मिलर्स सही पाये जायेंगे, उन्हें ही धान के डिलीवरी ऑर्डर किये जायेंगे एवं सीएमआर जमा के समय चावल की गुणवत्ता परीक्षण के साथ-साथ एज टेस्ट (Age Test) अनिवार्य रूप से कराया  जाए , ताकि पुराने चावल की रिसाइक्लिंग रोकी जा सके। उक्त जांच दल द्वारा जांच की कार्यवाही एक सप्ताह में पूर्ण करना सुनिश्चित करे, साथ ही किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर जिला उपार्जन समिति कार्यवाही करें तथा यदि शासन स्तर से कार्यवाही अपेक्षित है तो तत्काल प्रतिवेदन भेजे।

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