समेकित कीट प्रबंधन: टिकाऊ खेती की ओर एक कदम
लेखिका: पुष्पांजलि पांडेय
21 जून 2025, भोपाल: समेकित कीट प्रबंधन: टिकाऊ खेती की ओर एक कदम – आज की आधुनिक खेती में कीट नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है। अधिकतर किसान कीटनाशकों पर निर्भर हो गए हैं, जिससे पर्यावरण, भूमि और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे समय में समेकित कीट प्रबंधन (IPM) एक कारगर और सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है।
समेकित कीट प्रबंधन एक ऐसी तकनीक है जिसमें जैविक, यांत्रिक, सांस्कृतिक और आवश्यकतानुसार रासायनिक उपायों को मिलाकर कीटों का नियंत्रण किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कीटों को आर्थिक नुकसान की सीमा से नीचे रखना है, न कि उन्हें पूरी तरह खत्म करना।
मुख्य उपाय:
– फसल चक्र और समय पर बुवाई जैसे सांस्कृतिक तरीके
– ट्राइकोग्राम्मा जैसे कीटभक्षी जीवों का उपयोग
– प्रकाश जाल, फेरोमोन ट्रैप जैसे यांत्रिक उपाय
– केवल आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित कीटनाशकों का प्रयोग
लाभ:
– रासायनिक कीटनाशकों की मात्रा में कमी
– पर्यावरण और स्वास्थ्य की सुरक्षा
– उत्पादन की लागत में बचत
– खेत में जैव विविधता का संरक्षण
निष्कर्ष:
समेकित कीट प्रबंधन किसानों को कीट नियंत्रण के साथ-साथ टिकाऊ कृषि की दिशा में भी आगे बढ़ाता है। यह समय की मांग है कि हर किसान इसे अपनाए और खेती को सुरक्षित बनाए।
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