बरसात से कटाई के बाद रखी फसल खराब होने पर मिल सकेगा बीमा क्लेम, 72 घण्टे में देनी होगी सूचना
10 अक्टूबर 2025, जयपुर: बरसात से कटाई के बाद रखी फसल खराब होने पर मिल सकेगा बीमा क्लेम, 72 घण्टे में देनी होगी सूचना – राजस्थान राज्य में वर्तमान में हो रही बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, चक्रवाती वर्षा एवं चक्रवात से कटाई के बाद 14 दिन तक की अवधि के लिए खेत में सुखाने के लिए रखी फसल खराब होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत नुकसान की भरपाई हो सकेगी। जिसके लिए प्रभावित बीमित फसल के काश्तकार को 72 घण्टे के भीतर खराबे की सूचना कृषि रक्षक पोर्टल एवं हेल्पलाइन नम्बर 14447 पर अथवा क्रोप इंश्योरेंस ऐप, नजदीकी बैंक या कृषि कार्यालय में लिखित में देनी होगी। कृषि विभाग नें बीमा कम्पनियों को प्राप्त सभी इन्टीमेशन का तत्काल सर्वे कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत असामयिक वर्षा के कारण फसल कटाई उपरान्त खेत में सुखाने के लिए रखी फसल को 14 दिन की अवधि में नुकसान होने पर व्यक्तिगत आधार पर बीमा आवरण उपलब्ध है।
72 घण्टे में देनी होगी सूचना
शासन सचिव ने बताया कि असामयिक वर्षा से प्रभावित काश्तकारों के लिए बीमित फसल के नुकसान की सूचना 72 घण्टे के भीतर जिले में कार्यरत बीमा कम्पनी, नजदीकी बैंक या कृषि कार्यालय में देना जरूरी है, ताकि नुकसान का आंकलन कर बीमा क्लेम देने की कार्यवाही की जा सके। फसल में हुए नुकसान की सूचना टॉल फ्री नम्बर पर दी जा सकती है। इसके अलावा प्रभावित किसान जिले में कार्यरत बीमा कम्पनी, नज़दीकी कृषि कार्यालय अथवा सम्बन्धित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते है।
विभागीय अधिकारियों एवं बीमा कम्पनियों को तत्काल फील्ड में पहुंचकर फसल खराबे का सर्वे प्रारंभ करने के निर्देश दिए है, ताकि प्रभावित किसानों को बीमित फसलों के नुकसान का क्लेम दिलवाकर राहत प्रदान की जा सके। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी ने बताया कि तकनीकी कारणों से टॉल फ्री नम्बर पर बीमित कृषको द्वारा पोस्ट-हार्वेस्ट लॉसेज के हानि के इन्टीमेशन दर्ज नहीं हो पाने की स्थिति में निकटतम कृषि कार्यालय या जिस गांव में हानि हुई है वहां पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा नियत अवधि में कैंप लगाकर पात्र बीमित कृषकों से इन्टीमेशन प्राप्त कर संबंधित बीमा कंपनी को उसी दिन सुपुर्द करने के निर्देश जारी किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि अधिसूचित इकाई क्षेत्र में फसल के कुल बीमित क्षेत्र के 25 प्रतिशत से अधिक के लॉस की सूचना प्राप्त होती है तो अधिसूचित इकाई के बीमित कृषक तथा जिनके द्वारा बीमा कम्पनी को निर्धारित समय में पॉस्ट-हार्वेस्ट हानि का इन्टीमेशन किया गया है, को सेम्पल सर्वे के आधार पर क्षतिपूर्ती देय होगी। ऐसी स्थिति में सर्वेयर द्वारा संबंधित कृषकों व स्थानीय कृषि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त समिति के द्वारा समिति क्षेत्र में कराये गये सर्वे के आधार पर फसल की क्षति का प्रतिशत निर्धारित किया जायेगा।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture