राज्य कृषि समाचार (State News)

धान-मूंगफली की फसल में बढ़ा कीटों का प्रकोप, किसान बचाव के लिए तुरंत अपनाएं ये उपाय

09 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: धान-मूंगफली की फसल में बढ़ा कीटों का प्रकोप, किसान बचाव के लिए तुरंत अपनाएं ये उपाय – उपसंचालक किसान कल्याण, कृषि विभाग दतिया ने बताया कि जिले में इस समय धान और मूंगफली की खेती सबसे ज्यादा है। पिछले समय की ज्यादा बारिश की वजह से बाकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है और उनकी बुवाई भी प्रभावित हुई है। धान की फसल में अब खरपतवार, कीट और रोग दिखाई दे रहे हैं, जिससे फसल प्रभावित हो रही है।

धान की देरी से बोई गई फसल में खरपतवार को खत्म करने के लिए हाथ से निराई करें और कोनीवीडर मशीन का उपयोग करें। साथ ही, खरपतवार नाशक बिसपाईरीबैक सोडियम 10% एससी को 250 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से रोपाई के 15 से 25 दिनों के भीतर छिड़काव करें।

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धान में तना छेदक और भूरा फुदका कीट का प्रकोप

धान की फसल में तना छेदक कीट शुरूआती चरण में पत्तियों पर सफेद लकीरें छोड़ता है, जिससे पत्तियां सूख जाती हैं और बालियां बनते समय दाने नहीं बनते। इसके लिए किसान रासायनिक कीटनाशक जैसे क्योरेन्ट्रनिलीप्रोले 15.5% एससी (150 मिली/हेक्टेयर), लेम्डा साईलोथ्रिन 5% ईएस (250 मिली/हेक्टेयर) या कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 50% एसपी (1 किग्रा/हेक्टेयर) का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।

गत वर्ष भूरा फुदका कीट का प्रकोप ज्यादा देखने को मिला था। यह कीट पत्तियों को पीला करता है, पौधे झुक जाते हैं और मर जाते हैं। इसकी शुरुआत निचली पत्तियों से होती है और धीरे-धीरे पूरे खेत में फैल जाती है। इसके रोकथाम के लिए पाइमेट्रोजिन 50% डब्लूजी (300 ग्राम/हेक्टेयर) या एसिटामिप्रिड 20% एसपी (500 ग्राम/हेक्टेयर) पानी के साथ छिड़काव करना चाहिए।

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मूंगफली और सब्जी नर्सरी के लिए सुझाव

मूंगफली की फसल में पत्तियों पर भूरे रंग के छोटे-बड़े धब्बे दिख रहे हैं। इसके इलाज के लिए हेक्जाकोनाजोल 5% एससी, टेबूकोनाजोल 25.9% एससी या प्रोपीकोनाजोल 25% एससी को 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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जो किसान सब्जी उत्पादन के लिए नर्सरी तैयार कर रहे हैं, वे अपनी नर्सरी जमीन को 6 इंच ऊँचा बनाएं। अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद का उपयोग करें और बीजों को उपचारे के बाद बोएं। बुवाई के 5 से 7 दिन बाद कार्बेन्डाजिम प्लस मैन्कोजेब 1 ग्राम प्रति लीटर पानी से छिड़काव करें। इसके बाद 3-4 दिन बाद इमिडाक्लोप्रिड 17.8% को 3 मिलीलीटर प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। जरूरत पड़े तो 15 दिन बाद दोबारा छिड़काव करें।

अत्यधिक वर्षा के कारण अगर किसी किसान का खेत नष्ट हो गया है या बुवाई नहीं हो पाई है, तो वे आगामी रबी मौसम के लिए उन्नत बीजों की व्यवस्था करें। खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग और पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

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