राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों के उत्पादन की ओर बढ़ा किसानों का रूझान

18 जनवरी 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों के उत्पादन की ओर बढ़ा किसानों का रूझान – छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों की उपयोगिता एवं महत्व को देखते हुए कृषकों में जागरूकता लाने व दैनिक आहार में शामिल करने के उद्देश्य से बीज उत्पादन कार्यक्रम को बढ़ावा देने कृषि विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। पहले इन फसलों को गरीबों की फसल कहा जाता था, लेकिन अपने गुणों के कारण आज यह अमीरों के भोजन का प्रमुख अंग बन गई है।

लघु धान्य फसलों के पोषक तत्व एवं मूल्यों तथा औषधीय गुणों के कारण भारत सरकार की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय लघु धान्य मिलेट मिशन वर्ष घोषित किया गया, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा श्री अन्न का नाम दिया गया है। उप संचालक कृषि, श्री एन.के. नागेश ने बताया कि लघु धान्य फसल कोदो, कुटकी, रागी पोषक तत्वों से भरपूर एवं इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। कई बीमारियों को दूर करने में भी इसका उपयोग होता है।

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कोदो बीजोत्पादन कार्यक्रम

जिले में अधिक से अधिक कोदो-कुटकी-रागी की खेती को प्रोत्साहित करने हेतु इस वर्ष खरीफ वर्ष 2023 विकासखण्ड दुर्गुकोंदल में ग्राम-चिहरो, गुलालबोड़ी, महेन्द्रपुर के कृषकों में से शिवप्रसाद, घसियाराम, धनराज दुग्गा, ललित नरसिंह, जागृति, वाडिवा, रागलाल, दुखूराम, रंझिया सहित 5 अन्य कृषकों के द्वारा कोदो बीज उत्पादन का कार्यक्रम लिया गया।

5700 रू प्रति क्विंटल की दर से कृषकों को किया जायेगा भुगतान

किसानों ने बताया कि उक्त फसल की खेती मैदानी अमलों के मार्गदर्शन में उन्नत खेती की गई। उत्पादित फसल बीज को कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर में इन सभी किसानों के द्वारा 45 क्विंटल विक्रय किया, जिसका बीज परीक्षण उपरांत के पश्चात् 5700 रू. प्रति क्विंटल की दर से कृषकों को भुगतान किया जाएगा। कोदो फसल की खासियत यह है कि यह उच्चवहन भूमि में आसानी से धान फसल बहुत कम पानी में पककर तैयार हो जाती है।

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