कितनी सही है कीटनाशकों की ऑनलाइन बिक्री ?
इंदौर (विशेष प्रतिनिधि)।
13 अक्टूबर 2021, भोपाल । कितनी सही है कीटनाशकों की ऑनलाइन बिक्री ? – केंद्र सरकार कीटनाशकों को ऑनलाइन बेचने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने 29 सितंबर 2021 को असाधारण राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं, जिस पर प्रकाशन की तिथि के 15 दिन के बाद विचार किया जाएगा। सरकार के इस प्रयास के खिलाफ विरोध के स्वर भी उभरने लगे हैं। खासतौर से कृषि आदान से जुड़े व्यवसायी इसे अपने अलावा किसानों के लिए भी हितकर नहीं मान रहे हैं। इससे एक ओर जहां कृषि का वास्तविक व्यापार प्रभावित होगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को भी गुणवत्तायुक्त उत्पाद मिलने में परेशानी होगी। किसी कृषि उत्पाद को लेकर किसानों की कोई शिकायत होने पर उसका समाधान कैसे होगा यह भी विचारणीय है। ऐसे में कीटनाशकों की ऑनलाइन बिक्री शुरू करने से पहले इसके हर पहलू पर गंभीरता से चिंतन करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार खेती से जुड़ी दवाइयों को ऑनलाइन बेचने की तैयारी कर रही है। कृषि दवाइयों को ऑनलाइन बेचने का लाइसेंस देने के नियम बनाना प्रस्तावित है। कृषि आदान विक्रेताओं के अनुसार आजकल ऑन लाइन ठगी के मामले रोज सामने आ रहे हैं ऐसे में गांव के भोले और तकनीकी ज्ञान न रखने वाले किसान धोखाधड़ी का शिकार भी हो सकते हैं। दूरस्थ क्षेत्र से मंगाई गई दवाई की जगह दूसरी दवाई भेजने पर या उसके दुष्प्रभाव से फसल खराब होने पर होने वाले विवाद का समाधान कैसे होगा ? मंगाए गए उत्पाद की ज्यादा कीमत लेने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामलों की सुनवाई कहाँ होगी और किसानों को त्वरित न्याय कैसे मिलेगा यह भी अभी अस्पष्ट है।
मप्र कृषि आदान विक्रेता संघ के सचिव संजय रघुवंशी का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो कल तक गांव के दुकानदार से आसानी और उधार में मिलने वाली कृषि दवाइयां अब किसानों को नकद में खरीदनी पड़ेगी।
दूसरा यह कि ऑन लाइन भेजी गई कृषि दवाइयों की गुणवत्ता की गारंटी कौन लेगा? कृषि दवाई की ऑनलाइन बिक्री प्रारंभ करने से किसानों और व्यापारियों दोनों को नुकसान होगा। यदि ऑनलाइन कृषि दवाइयों की बिक्री शुरू हो गई तो कई व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होने लगेगा, वहीं किसानों को भी गुणवत्तायुक्त कृषि दवाइयां मिलने में संदेह रहेगा।