इंदौर में उद्यानिकी कॉन्क्लेव एवं किसान परिचर्चा संपन्न
इंदौर संभाग में प्याज और लहसुन के लिए अनुसंधान केन्द्र स्थापित हो
09 नवंबर 2024, इंदौर: इंदौर में उद्यानिकी कॉन्क्लेव एवं किसान परिचर्चा संपन्न – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप उद्यानिकी फसलों से कृषकों को लाभ हो, इस भाव को साकार करने को लेकर संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की पहल पर मालवा क्षेत्र में बागवानी क्षमता के लिए रणनीतियां विषय पर उद्यानिकी कॉन्क्लेव एवं किसान परिचर्चा का आयोजन गत दिनों राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि महाविद्यालय इंदौर में किया गया।
संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा कि इंदौर संभाग में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र में संभाग तेजी से आगे बढ़ रहा है।बड़ी संख्या में किसान उद्यानिकी फसलें ले रहे हैं । समय की मांग है कि उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से लेकर विक्रय तक के बीच की कड़ी को ओर सशक्त बनाया जाए। इसके लिए सभी स्तर पर सामूहिक प्रयास हों, जिससे उद्यानिकी फसल लेने वाले कृषकों को अधिक लाभ मिले और वे आत्मनिर्भर होने के साथ आर्थिक रूप से सशक्त हो। श्री सिंह ने कहा कि उद्यानिकी कॉन्क्लेव एवं किसान परिचर्चा के दौरान कृषकों और कृषि विशेषज्ञों के संवाद से जो भी बिन्दु अथवा नीतिगत बदलाव संबंधित बात सामने आए उसका दस्तावेज तैयार किए जाएं ,जो शासन स्तर पर नीतिगत निर्णय में महत्वपूर्ण रहेंगे।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला ने कहा कि कृषि और उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रयास हो रहे हैं , लेकिन आवश्यकता है कि सभी को सामूहिक प्रयास करते हुए कृषकों को बेहतर कृषि तकनीक के लिए जागरूक किया जाए, ताकि उद्यानिकी फसलों और उसके आर्थिक महत्व को बताकर कृषकों को आर्थिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाया जा सके । उद्यानिकी फसलों के प्रति कृषकों की रुचि लंबे समय तक रखने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। इसके लिए क्वालिटी के प्लांट की उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा । सभी स्तर पर सामूहिक प्रयास आवश्यक है, जिससे किसानों में भरोसे का वातावरण निर्मित हो। आपने उद्यानिकी फसलों में कीट नियंत्रण के लिए किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और इंटीग्रेटेड कीट नियंत्रण मैनेजमेंट के लिए विशेषज्ञों को विशेष प्रयास करने होंगे। उद्यानिकी फसल उत्पादक कृषकों को उत्पादन की ग्रेडिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए , ताकि उन्हें अपने उत्पाद का बेहतर दाम मिल सकें। उद्यानिकी फसलों के प्रसार को बढ़ाने के लिए रिसर्च, कीट नियंत्रण और फसल के विक्रय की तकनीकों के प्रति किसानों को जागरूक करने की ज़रूरत है ।
डायरेक्टर आईसीएआर पुणे प्याज और लहसुन अनुसंधान केन्द्र डॉ. विजय महाजन ने कहा कि इन्दौर संभाग में प्याज और लहसुन के लिए अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया जाना चाहिए, जिसका लाभ बड़ी संख्या में क्षेत्र के कृषकों को मिलेगा, क्योंकि इन्दौर संभाग सहित मध्यप्रदेश में प्याज और लहसुन उत्पादन के प्रति कृषकों के रुझान को देखते हुए यहां इसकी आवश्यकता है। समन्वित प्रयासों से उद्यानिकी फसलों के विकास और किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कृषि और उद्यानिकी विशेषज्ञों को देश को कृषि गुरु बनाने के लिए विशेष प्रयास करने पर बल दिया । कृषि में महिलाओं का विशेष योगदान है, इसलिए कृषि टेक्नोलॉजी के अधिक से अधिक प्रसार के साथ महिला कृषकों को भी जोड़ने पर जोर देना होगा। प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से कृषकों को आत्मनिर्भर बनाया सकता है। प्याज और लहसुन के उन्नत बीज उत्पादन को लेकर भी विशेष प्रयास किये जाए। उन्होंने जर्म प्लाज डेवलप करने की बात भी कही।
डॉ.अमित गोस्वामी ने फलों की खेती पर रोशनी डालते हुए कहा कि पिछले एक दशक में मप्र में उद्यानिकी फसलों का रकबा और उत्पादन दोनों दुगुना हो गया है। यदि किसान भेड़चाल के बजाय मिल जुलकर क्लस्टर आधारित फसलों का उत्पादन लेंगे तो उन्हें बाज़ार में अधिक दाम मिलेगा। आम और अमरुद के क्षेत्र में भी मप्र में खास तौर से मालवा और जबलपुर के किसान अच्छा उत्पादन ले रहे हैं। किसानों को ऐसे फलों का उत्पादन करना चाहिए, जिनका बाजार में स्वास्थ्य मूल्य ज़्यादा हो। सब्जी उत्पादन में भी मप्र तीसरे नंबर पर है। औषधीय फसलों में अभी स्थिति निराशाजनक है। इस संबंध में औषधीय फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को सरल तकनीक उपलब्ध कराने की ज़रूरत है। राजमाता विजया राजे सिंधिया विश्वविद्यालय की बोर्ड मेंबर श्रीमती पल्लवी व्यास ने उद्यानिकी फसलों में नवाचारी पहलों को बढ़ावा देने की बात कही।
कार्यक्रम को सोयाबीन इंस्टीट्यूट इंदौर के डायरेक्टर डॉ. के.एस. सिंह ने भी संबोधित किया। डॉ. राजू ने फूलों की खेती के संबंध में विस्तृत जानकारी दी । डॉ.अवनि कुमार शर्मा, डॉ.ए.एन.त्रिपाठी, डॉ.आई. श्रीनिवास, डॉ .के.वी. राव सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी संबोधित किया। विभिन्न उद्यानिकी विशेषज्ञों ने उद्यानिकी फसलों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। स्वागत उद्बोधन इन्दौर कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ भारत सिंह ने दिया। कार्यक्रम की रूपरेखा पर संयुक्त संचालक उद्यानिकी विभाग इन्दौर श्री डी. आर. जाटव ने प्रकाश डाला । किसानों के साथ संवाद एवं कृषि संबंधित समस्याओं पर परिचर्चा हुई। इस आयोजन में विभिन्न स्थानों के कृषि /उद्यानिकी विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ ,संभाग के उद्यानिकी अधिकारी, ,कृषि संकाय के छात्र, एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे। कार्यक्रम स्थल पर उद्यानिकी फसलों और उत्पादों की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही।
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