राज्य कृषि समाचार (State News)

हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान: धान के बदले मक्का, कपास या सब्जियां उगाने पर मिलेंगे ₹8 हजार/एकड़

01 जुलाई 2025, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान: धान के बदले मक्का, कपास या सब्जियां उगाने पर मिलेंगे ₹8 हजार/एकड़ – हरियाणा सरकार ने खरीफ 2025 सीजन के लिए किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ (MPMV) योजना के तहत नई पहल की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत यदि किसान धान की खेती छोड़कर मक्का, कपास, दलहन, तिलहन, सब्जियां, चारा, बागवानी फसलें या कृषि वानिकी जैसी वैकल्पिक फसलें अपनाते हैं, तो उन्हें ₹8,000 प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 1 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। योजना का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना और अत्यधिक पानी की खपत करने वाली धान की खेती पर निर्भरता को कम करना है। कृषि विभाग ने जिलेवार लक्ष्य भी तय कर दिए हैं।

जिलेवार आवंटन

सबसे ज़्यादा लक्ष्य सिरसा जिले को (17,950 एकड़) दिया गया है। इसके बाद यमुनानगर (12,305 एकड़), जींद (11,510 एकड़), फतेहाबाद (8,980 एकड़), हिसार (8,810 एकड़) और कैथल (7,210 एकड़) को उच्च प्राथमिकता पर रखा गया है। अन्य जिलों को कृषि-जलवायु उपयुक्तता के अनुसार 125 एकड़ से लेकर 6,400 एकड़ तक का लक्ष्य सौंपा गया है।

फसलों के अनुसार लक्ष्य

1. कपास: 39,835 एकड़
2. चारा: 29,080 एकड़
3. सब्जियां व बागवानी: 15,285 एकड़
4. कृषि वानिकी: 6,440 एकड़
5. दलहन: 5,245 एकड़
6. मक्का: 3,500 एकड़
7. तिलहन: 615 एकड़

पात्रता और पंजीकरण

इस योजना के अंतर्गत वे किसान पात्र होंगे, जिन्होंने पिछले खरीफ सीजन में धान की खेती की थी और इस बार वैकल्पिक फसलें ले रहे हैं। और पिछले वर्ष भी MPMV योजना के तहत फसल विविधीकरण किया था और इस बार भी वही जारी रखा है। साथ ही, अपने धान के खेत इस सीजन में परती छोड़ दिए हैं। इसके अलावा, इस योजना के लिए वह किसान पात्र नहीं होंगे, जिन्होंने पिछले चार वर्षों में अपने खेत में धान के बजाय कोई अन्य फसल ली हो।

ऐसे करे आवेदन
पंजीकरण के लिए किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ (MFMB) पोर्टल पर आवेदन करना होगा। सत्यापन के बाद खरीदी सत्र समाप्त होने पर प्रोत्साहन राशि सीधे खातों में ट्रांसफर की जाएगी। अंबाला के कृषि उपनिदेशक डॉ. जसविंदर सैनी ने बताया कि फील्ड स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को इस योजना के लिए जागरूक करें और फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि “कृषि वानिकी और सब्जियों में किसानों की रुचि लगातार बढ़ रही है, और हमें उम्मीद है कि अंबाला 5,060 एकड़ का लक्ष्य जरूर पूरा करेगा।

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